
सिटी टुडे। मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार बनने के बाद कई बड़े फैसले लिए गए हैं। अब मोहन सरकार एमपी की पुरानी शिवराज सरकार का एक फैसला पलटने जा रही है। इसमें अवैध कॉलोनियों को अब वैध नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यानी कि अब एमपी की मोहन सरकार पुरानी शिवराज सरकार का फैसला पलटने जा रही है। इस फैसले में जिस तहसील में अवैध कॉलोनी काटी जाएगी वहां के अफसरों पर भी गाज गिरेगी। अगर किसी जगह पर अवैध कॉलोनी काटी जाती गई है तो वहां के तहसीलदार और नगर निगम के जोनल अफसर से लेकर पटवारी तक पर सीधे कार्रवाई होगी।
ये है प्लान
पूर्व की शिवराज सरकार ने फैसला किया था कि अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया जाएगा। अब नई सरकार इस फैसले को पलटने जा रही है। नई सरकार नया कानून का मसौदा तैयार कर रही है। इसमें अवैध कॉलोनी काटने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार, सरकार एक कानूनी मसौदा तैयार कर रही है, जिसमें अवैध कॉलोनाइजर पर रासुका (NSA) लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, जिस तहसील में अवैध कॉलोनी काटी जाएगी उस तहसील के अफसरों पर भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने वादा किया था कि एमपी की अवैध कॉलोनियों को वैधता दी जाएगी। इसके लिए कहा गया था कि 2016 से पहले बनी सभी कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। बाद में साल 2022 तक बनी सभी कॉलोनियों को वैध करने की बात कही गई थी। हालांकि, इस फैसले को लागू नहीं किया जा सका। अब सीएम मोहन यादव की नई सरकार इस फैसले को बदलने जा रही है। अब अगर किसी कॉलोनाइजर ने अवैध कॉलोनी काटी तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले पर बात करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अवैध कॉलोनी के निर्माण के ज्यादातर मामलों में निचले स्तर के सरकार कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल होते हैं। इसलिए अब अवैध कॉलोनाइजर ही नहीं, स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कानून का मसौदा तैयार करने के लिए प्रमुख सचिव को कह दिया गया है।
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