मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के इस गांव में आस्था का प्रतीक है रावण! की जाती है पूजा, मांगी जाती है दुआएं
सिटी टुडे, के लिए राजगढ़ से बीपी गोस्वामी की रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक गांव है जहां पर रावण की पूजा की जाती है, लोग यहां पर मन्नते मांगते हैं. जानिए इसके पीछे की क्या वजह है.
12 अक्टूबर दशहरा का पर्व है, पूरे देश में दशहरे पर जहां असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक में रावण के पुतले का दहन किया जाता है, वहीं मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां रावण ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रतीक बना हुआ है, यहां पर रावण ग्रामीणों की मन्नत पूरी करता है और ग्रामीण रावण व कुम्भकर्ण की मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मन्नते मांगते हैं, जानिए आखिर क्यों नहीं जलाया जाता रावण.
पूजा जाता है रावण
राजगढ़ जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां रावण ग्रामीणों के लिए आस्था का प्रतीक बना हुआ है इस गांव मे रावण को जलाया नहीं जाता है, इस गांव का नाम भाटखेडी (रावण वाली) है , पहचान के लिए इस गाँव के नाम के साथ “रावण का नाम जुड़ा है, बता दें कि सड़क किनारे बनी रावण और कुंभकर्ण की प्रतिमाएं यहां से निकलकर आने-जाने वालो के लिए सेकड़ो वर्षो से आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इसके बारे में ग्रामीणों सहित आसपास के लोगो की धारणा है की ये रावण मन्नत पूर्ण करने वाला रावण है, ग्रामीण यहां नियम से पूजा अर्चना किया करते हैं, इसके साथ ही आसपास के लोग भी अपनी मन्नत लेकर आते हैं और मन्नत पूरी होने पर यहां प्रसादी चढ़ाते है.
विजयादशमी के पूर्व इन प्रतिमाओं का रंग रोगन किया जाता है और नवरात्रि में कई सालो की परम्परा अनुसार रामलीला का आयोजन भी किया जाता है और दशहरे के दिन इनकी पूजा अर्चना कर राम और लक्ष्मण के पात्रों द्वारा भला छुआ कर ग्राम की खुशहाली की मन्नत मांगी जाती है.
रावण का ससुराल
इसके अलावा मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर को रावण की ससुराल माना जाता है. यहां रावण की पूजा की जाती है. माना जाता है की ये शहर रावण का ससुराल है. इसलिए यहां रावण को सम्मान दिया जाता है. मन्दसौर के खानपुरा में रावण की 31 फ़ीट उची प्रतिमा की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मंदोदरी यहां की बेटी थी और इसी कारण यहां का नाम मन्दसौर पड़ा. मंदोदरी की शादी रावण से हुई इसी नाते रावण यहां के दामाद माने जाते हैं और दामाद को सम्मान देने की मालवा में परंपरा है!
अच्छाई पर बुराई का प्रतिक दशहरे पर राजगढ़ जिले के भाटखेड़ी मे सालों से जुड़ा रावण की पूजा और आस्था का प्रतिक
एक तरफ देश भर मे दशहरे के दिन रावण का दहन किया जाता आ रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले मे हर साल की तरह इस साल भी रावण और कुंभकर्ण की स्थापित मूर्तियों की पूजा की जाती हैं!
साथ ही मान्यता है कि उनकी मुरादे भी यह पूरी होती है! ऐसा पहला गाँव है जो अपने पूर्वजो की परंपरा के अनुसार वह आज भी रावण का दहन नही करते हैं, बल्कि विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती हैं!!