आमतौर पर पुलिस फोर्स को अनुशासित बल माना जाता है, जहां सीनियर्स का आदेश पालन करना जूनियर के लिए जरूरी है और उसकी मजबूरी भी. लेकिन एक सहायक दारोगा यानी एएसआई ने अपने ही एसपी से उसके खिलाफ हाईकोर्ट में केस करने के लिए छुट्टी की अरजी दी है. दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ अपने जिले से एसपी ही नहीं, वह 10 आइपीएस अधिकारियों समेत कुल 15 सीनियर पुलिस अफसरों पर हाईकोर्ट में केस करने की तैयारी में है, लेकिन अफसर हैं कि उसे छुट्टी ही नहीं दे रहे.
इस एएसआई का नाम है शुभंकर कुमार. शुभंकर सरायकेला-खरसावां जिले के आरआईटी थाना में एएसआई के पद पर तैनात हैं. अपने हक के लिए आईपीएस अफसरों के विरुद्ध मुहिम छेड़ने को तैयार शुभंकर का मानना है कि आईपीएस अफसरों की मनमानी से पूरा पुलिसिया तंत्र त्रस्त है. एएसआई ने कहा कि वह हाईकोर्ट में मुकदमा करना चाहता हैं, लेकिन छुट्टी नहीं मिल रही. उसके वेतन पर भी रोक लगी हुई है. अब सिवाय कानूनी मदद के उसके पास कोई दूसरा चारा नहीं बचा है. शुभंकर का कहना है कि आईपीएस लॉबी उसे बेवजह बार बार दंडित करती है.
एसपी के खिलाफ शिकायत को उन्हीं से फॉरवर्ड कराने को कहते हैं डीआईजी
शुभंकर कुमार ने बताया कि जब उन्होंने एसपी द्वारा अपना आकस्मिक अवकाश रोकने और धारित वेतन पर रोक लगाने के खिलाफ अपील की तो डीआईजी ने उसे एसपी से ही आवेदन फॉरवर्ड कराने को कहा. इस तरह मुझे अपने अधिकार से वंचित रखने का षड्यंत्र रचा जा रहा है. शुभंकर कहते हैं कि एक ओर पुलिसकर्मियों की पत्नियों की मांग उजाड़नेवाले नक्सलियों को फूलमाला से सम्मानित किया जाता है, वहीं एक पुलिस अफसर को विभाग में प्रताड़ित किया जाता है.
इन अफसरों पर मुकदमा करना चाहते हैं शुभंकर
एएसआई शुभंकर सिंह ने 10 आइपीएस समेत 17 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए छुट्टी मांगी है. इन अफसरों में असीम विक्रांत मिंज, कुलदीप द्विवेदी, पूर्व आइपीएस राजीव रंजन सिंह, चंदन कुमार सिन्हा, कार्तिक एस, आनंद प्रकाश, राज कुमार लकड़ा, पूर्व आईपीएस रिचर्ड लकड़ा, अजय लिंडा,चंदन कुमार झा तथा अखिलेश झा शामिल हैं. इसके अलावा डीएसपी अविनाश कुमार, सियाशरण प्रसाद, अरुण कुमार राय, हरि सिंह बारी, नरेंद्र पासवान और किशोर तामसोय शामिल जैसे अधिकारी भी उसकी सूची में हैं.
कौन हैं एएसआई शुभंकर
गोड्डा जिले के पथरगामा थाना के लोहिया नगर निवासी शुभंकर कुमार 27 नवंबर 2003 को झारखंड पुलिस में आरक्षी के रूप में बहाल हुए थे. वह साल 2011 से 2017 तक पाकुड़ जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं. सरायकेला-खरसावां जिले में 27 फरवरी 2017 स्थानांतरित होकर आये. वर्ष 2018 में उन्हें एएसआई के रूप में प्रोन्नति मिली. शुभंकर का मानना है कि आकस्मिक अवकाश पर जाना उनका अधिकार है, लेकिन आईपीएस अफसर 30 दिन की छुट्टी मांगने पर 10 दिन का अवकाश देते हैं. जरूरी कार्य की वजह से समय पर नहीं लौट सके, तो वेतन रोक दिया जाता है. यह क्रूरतम कार्रवाई है.