सिटी टुडे। मध्य प्रदेश के ग्वालियर ज़िले में स्थित मास्टर माइंड कोचिंग संचालकों के ख़िलाफ़ हरियाणा सरकार ने फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी करने पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि यह मामला 9 से 10 साल पुराना है।जानकारी अनुसार हरियाणा के तकनीकी शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2008 और 2009 तक यह व्यवस्था थी कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए दसवीं क्लास के बाद एंट्रेंस एग्जाम होते थे । हरियाणा सरकार ने उस समय एससी कैटेगरी के बच्चों के लिए कोचिंग लगवाई ताकि उन्हें प्रवेश आसानी ही जाए। इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित मास्टरमाइंड क्लासेज को एक साल के लिए टेंडर दिया गया जिसका काम सरकारी स्कूलों में दसवीं क्लास में पढ़ रहे एससी कैटेगरी के बच्चों को कोचिंग और कॉपी किताबों की व्यवस्था कराने का जिम्मा था।
हरियाणा कैग को यह सूचना मिली के मास्टरमाइंड कोचिंग के द्वारा इस पूरे मामले में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है जितने बच्चे लिस्ट में है उतने कोचिंग में नहीं है जबकि पूरे बच्चों को पढ़ाने का पैसा सरकार से वसूला जा रहा है। इस शिकायत पर कैग की ओर से तकनीकी शिक्षा विभाग से जुड़े तत्कलीन अधिकारियों और तकनीकी संस्थान के प्रिंसिपल को जांच करने को कहा गया।
इसी पूरे जांच की रिपोर्ट ऑफ विजिलेंस ने 9 साल बाद सार्वजनिक की है।इस पूरे फ़र्ज़ीवाड़े में हरियाणा के कई ज़िलों के शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों पर विजिलेंस जाँच के बाद अब fir की तलवार लटक रही है।
बता दें कि पड़ाव थाना क्षेत्र स्थित लक्ष्मीबाई कॉलोनी में मास्टरमाइंड कोचिंग क्लासेज के नाम से कई साल पुराना शिक्षा संस्थान है।कोचिंग में इंजीनियरिंग भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं के एंट्रेंस की तैयारी कराने के लिए कोचिंग दी जाती है। कुछ सालों में मास्टरमाइंड के संस्थापकों ने मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी अपने संस्थान की फ्रेंचाइज़ी देकर पैसे और नाम दोनों कमाया है।
इस मामले में मास्टरमाइंड क्लास के निदेशक प्रवीन गुप्ता मकान नं० 61, महारानी लक्ष्मी बाई कालोनी, ग्वालियर, नवीन गुप्ता ,राजेन्द्र बडकारिया, तत्कालीन निदेशक, मास्टरमाईन्ड क्लासिज प्राईवेट लिमिटेड ग्वालियर के विरूद्ध धारा 201, 420, 467, 468, 471, 120बी व 13 (1) डी के तहत अभियोग दर्ज करवाने का निर्णय लिया गया है।
इस पूरे मामले को लेकर जब सिटी टुडे ने लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित मास्टरमाइंड कोचिंग क्लास के सर्वेसर्वा मनोज गुप्ता से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्होने तो सिर्फ़ फ्रेंचाइज़ी ली है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। संस्थान के पूर्व निदेशक अब दिल्ली में निवास करते हैं।