सिटी टुडे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे परिवहन आयुक्त मुकेश जैन की कार्यप्रणाली तथा अधिकारी कर्मचारियों की घुटन सर्वविदित है जिसके चलते मप्र परिवहन विभाग में शह और मात की आपसी लड़ाई सड़कों पर उतरने से पूरे विभाग को बदनामी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में आयुक्त और स्टैनो के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि एक कथित गुमनाम शिकायत का मामला इतना तूल पकड़ गया कि आयुक्त के चहेते तथाकथित सजायाफता पत्रकार रहे धर्मवीर कुशवाहा की शिकायत पर पुलिस ने निष्पक्ष जांचकर साक्ष्य के आधार पर ग्वालियर क्राईम ब्रांच थाना ने अपराध क्रमांक 24/22 धड़क 11 अप्रैल 2022 को धारा 465 /469 के तहत प्रकरण दर्ज कर विभाग के स्टेनो सत्यप्रकाश शर्मा तथा उसके निजी ड्राइवर अजय सालुंके को आरोपी बनाया था। ज्ञात हो कि यह वही तथाकथित पत्रकार धर्मवीर कुशवाहा है जिसके माध्यम से आयुक्त द्वारा विभाग के अधिकारियों एवं आयुक्त के विरोधियों के विरुद्ध भ्रामक, असत्य, मनगढ़ंत समाचार प्रकाशित करवाकर संबंधित को मानसिक रूप से प्रताड़ित करवाया जाता था।
सूत्रों अनुसार दोनों आरोपियों ने अपने बचाव के लिए एक निर्दोष पत्रकार को षडयंत्र व फरियादी से समझौते के लिए फंसाने का भरसक प्रयास किया परंतु पुलिस ने निष्पक्ष जांचकर साक्ष्य एवं मोबाइल लोकेशन के आधार पर दोनों को आरोपी बना कर शासन से न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने हेतु अनुमति मांगी है।
अब ज्ञात हुआ है कि इस मामले में आरोपी सत्यप्रकाश शर्मा ने माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में एमसीआरसी क्रमांक 24103 crpc 482 के तहत याचिका प्रस्तुत कर स्वयं को निर्दोष बताकर फरियादी के द्वारा आपसी रंजिश के कारण षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज करवाने की दलील दी है। जानकारी मुताबिक इस मामले की सुनवाई 7 जुलाई को होना संभव है।