भारतीय जनता पार्टी के एक दर्जन से अधिक पूर्व पार्षद एक दर्जन वर्तमान पार्षद तथा कुछ पार्टी के पदाधिकारी भी कमल की जगह पंजे का समर्थन अप्रत्यक्ष रूप से कर रहे हैं इस शतरंजी रणनीति में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता संघ के निष्ठावान रहे राजेंद्र जैन जिन्होंने अपनी उपेक्षा ही नहीं समाज की उपेक्षा की खातिर भारतीय जनता पार्टी से त्यागपत्र भी दे दिया है के अलावा 1 दर्जन से अधिक पूर्व तथा वर्तमान संघ के मुख कर्णधार रहे अनुशासित नेता भी जो पूर्व में भा जा पा मे रहते थे सिकरवार परिवार के कट्टर समर्थक थे वह भी अपनी दोहरी भूमिका निभाएंगे ऐसा नहीं भा जा पा में भी एक वर्ग ऐसा है जो सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का भी सुनियोजित ढंग से विरोध करेंगे दोनों दलों में विद्रोह यह पहली बार होगा जो खुलेआम होगा इस खुलेआम विद्रोह को भारतीय जनता पार्टी के आर एस एस के करणधार ही रोक सकती है परंतु कांग्रेस के अंदरूनी विद्रोह को कांग्रेस के नेता नहीं रोक सकते आप पार्टी के अलावा चुनाव को रोचक बनाने के लिए ग्वालियर की एक प्रतिष्ठित किन्नर भी चुनाव रण में है फिर भी टक्कर कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी में ही होगी शुरुआती दौर में माना जा रहा था कि सुमन शर्मा कमजोर प्रत्याशी हैं परंतु विद्रोहियों के कारण सुमन शर्मा कांटे की टक्कर के मुकाबले के लिए और अधिक कितना सक्षम बन पाएंगे यह तो आने वाले 10 दिन बताएंगे.”””” किशत 1
ग्वालियर महापौर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से दो बार पार्षद रह चुकी एक बार उनके पति सतीश सिकरवार पार्षद रह चुके जो वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं की पृष्ठभूमि समाजवादी दृष्टि से जुड़ी होने कारण महापौर प्रत्याशी शोभा सिकरवार के ससुर श्री गजराज सिंह सिकरवार जो अपने योवन काल में अंचल से प्रमुख छात्र नेता थे तथा देवर नीटु सिकरवार भी भारतीय जनता पार्टी से विधायक रह चुके हैं अब इसे किस्मत कहेगा या राजनीति की चाल परिस्थितियों के कारण सतीश सिकरवार कांग्रेस के विधायक हैं उनकी पत्नी शोभा सिकरवार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुनिश्चित जीत के लिए चुनाव लड़ रहे हैं दूसरी ओर मूल रूप से कांग्रेस पृष्ठभूमि से जुड़े स्वर्गीय धर्मवीर शर्मा जी जो बाद में भारतीय जनता पार्टी के अंचल के अग्रणिय नेता भी रहे हैं की पहचान सिंधिया परिवार विरोधी रही की बहू स्वर्गीय यशवीर शर्मा की पत्नी सुमन शर्मा भारतीय जनता पार्टी की ओर से महापौर की प्रत्याशी है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से बगावत कर आप पार्टी की प्रत्याशी रुचि ठाकुर भी चुनाव के रण में होने के साथ किनर प्रत्याशी भी मैदान में है इसके बावजूद भी यह चुनाव त्रिकोणीय ना होकर कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी सीधा मुकाबला होगा परंतु दोनों दलों में दलगत भावना दरकिनार कर स्वार्थों की खातिर शह और मात की राजनीति खेली जाएगी इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगे दक्षिण प्रवृत्ति होने के साथ बंटाधार समर्थक दे.श. अध. वर्तमान मंत्री से चुनाव हार चुके कांग्रेस प्रत्याशी जो 19 महीने पहले तक सिँधीया समर्थक बाद में कमलनाथ समर्थक जाने जाते थे के ऊपर हत्या के षड्यंत्र कारी का एक पुराना मामले की तलवार भी लटकी है अब अपने भविष्य की खातिर अप्रत्यक्ष रूप से निष्ठा बदलकर महापौर के चुनाव में तीनों नेता कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध लामबंद हो चुके हैं तीनों की रणनीति कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में मीटिंग तथा सभा में उपस्थिति दर्ज करवा कर फोटो खिंचवाने के बाद दल विरोधी रणनीति बनाते हैं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को जिताने की वही इन सब बातों की शिकायतें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ तथा उनकी टीम पर पहुंच गई है वह नजर भी रखे हुए हैं .