सिटी टुडे, शिवपुरी। मप्र के शिवपुरी जिले में जब से टीएचआर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारीयों और कर्मचारीयों का जीना हराम हो गया है। न तो अधिकारी रात में सो पा रहे है और न ही वह अपने अधीनस्थ कर्मचारियों आंगनवाडी कार्यकताओं को चेन से सोने दे रहे है। हालात यह है कि महिला बाल विकास विभाग के कार्यालयों में रात रात भर बैठकर टीएचआर का फर्जी रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह रिकॉर्ड के बारे में किसी को जानकारी नही है बल्कि पूरे जिले में यह धांधली चल रही है।
दरअसल हुआ यह है कि करैरा क्षेत्र में एक आंगनवाडी कार्यकर्ता ने नाम न छपने की शर्त पर बताया है कि उसकी नियुक्ति 2021 में माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर हुई है। अब नियुक्ति के बाद से उनके पास पूरे डॉक्यूमेट है। परंतु परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर ने उन्हें आदेशित किया है कि वह मार्च 2018 से मार्च 2021 तक का टीएचआर का रिकॉर्ड का रजिस्टर बनाकर उन्हे उपलब्ध कराए।
जिसपर आंगनवाडी कार्यकर्ता ने जब परियोजना अधिकारी से कहा कि जब उसकी उस समय नियक्ति ही नही थी तो फिर वह रिेकॉर्ड कहा से और कैसे उपलब्ध कराएंगी। जिसपर वह भडक गई और उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। अब यह समझ से परे है कि आखिर अब वह कार्यकर्ता करें तो क्या करे अगर झूठा और जब नियुक्ति नही थी तब का रिकॉर्ड अगर दबाब में बनाकर देती है तो कोर्ट से कार्यवाही का डर और अगर रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया तो विभागीय कार्यवाही का डर अब बेचारी कार्यकर्ता करें तो क्या करें। इधर कुआ और इधर खाई बाले हालात उसके साथ निर्मित हो गए है।
इनका कहना है
हमने सभी कार्यकर्ताओं से रिकॉर्ड मांगे है। अगर वह नहीं दे पा रही तो उसका प्रमाणीकरण बनाकर दे। वह प्रमाणीकरण तो दे गई परंतु उसपर भी साईन नहीं है। हम ऐसा नहीं कह रहे है कि आप गलत जानकारी दो। जो भी दो परंतु जानकारी तो देनी होगी। वह हमें प्रमाणीकरण बनाकर दे दे तो हम प्रमाणीकरण आगे भेज देंगे।
प्रियंका बुनकर,परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग करैरा
यह मामला आपके द्धारा मेरे संज्ञान में लाया गया है। में शिवपुरी कलेक्टर से बात करता हूं। अगर ऐसा हो रहा है तो हम कार्यवाही करेंगे।
अशोक शाह,अतिरिक्त मुख्य सचिव महिला बाल विकास विभाग भोपाल