परिवहन आयुक्त कार्यालय में वास्तु दोष या कार्यप्रणाली दोषी?
विभाग में अस्थिरता का वातावरण पहली बना मध्य प्रदेश परिवहन आयुक्त कार्यालय के भवन मे स्थानांतरण हुए 32 महीने हो गए परंतु 58 महीने परिवहन आयुक्त रहने के बाद डॉक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव को नए भवन के स्थानांतरण के प्रवेश के कुछ दिन बाद पदोन्नति के कारण विदा होना पड़ा जानकारी के अनुसार डॉक्टर श्रीवास्तव आयुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार प्रवेश दक्षिण दिशा को लेकर वास्तु दोष माना तथा अपने रहते प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में परिवर्तन करवाने हेतु प्रस्ताव को मंजूरी दिलाकर कार्य शुरू करवाया परंतु उनकी रवानगी के बाद नए आयुक्त बी मधु कुमार मात्र 9 महीने 15 दिन आयुक्त रह सके इसके पीछे वास्तु दोष माने या उनके अधीनस्थ रह चुके पूर्व एसपी विधायक पति द्वारा बनाई गई पुरानी वीडियो को एक षड्यंत्र के तहत वायरल करवाया गया जिससे उनको इस पद से हाथ धोना पड़ा बताया जाता है कि उस तथाकथित वीडियो प्रकरण में उन को क्लीन चिट मिल गई . परंतु तबसे लूप लाइन में हैं रहने के साथ दिसंबर 2022 में वह सेवा मुक्त हो जाएंगे. आयुक्त पद पर 22 जुलाई 2020 को मुकेश जैन ने अपनी आमद दर्ज करें आधुनिक आईटी विशेषज्ञ ने विभाग में कई परिवर्तन लाने की प्रयास किए परंतु उनकी विवादित कार्यप्रणाली उनको कुछ महीने बाद भी विवादित बनाने लगी यहां तक के सुनोयिजत ढंग से उनके ही एक चहेते निरीक्षक ने दो शर्मा बंधुओं की आपसी लड़ाई को आयुक्त मुकेश जैन के विरुद्ध कुछ पीत पत्रकारों के माध्यम से ऐसे समाचार प्रकाशित कराए जिससे आयुक्त उस निरीक्षक के शिकंजे मे फस गए फिर स्वार्थों की खातिर इसी चहेते ने अपने विरोधी विवादित शर्मा को उन्हीं पीत पत्रकारों के माध्यम से बाहर का रास्ता दिखा कर आयुक्त के पक्ष में समाचार प्रकाशित कर दूध से मलाई बनाने का काम शुरू किया तथा शिकार बनाया अपने हमजोली निरीक्षको को इस शिकार के जख्मी निरीक्षकों एवं अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी आवाज मंत्री तक पहुंचाई आयुक्त में अपनी ऊंची पकड़ का दिखावा करते हुए मंत्री को भी चुनौती दे डाली लिहाजा आयुक्त की कार्यप्रणाली के कारण अधिकारी कर्मचारी दो पाटों में पीस रहे . परिवहन विभाग में अवैध वसूली की शिकायतें तो आम आदमी कर डालता है परंतु उनसे पूछो जिनके 19 महीने तक चुल्हे तक नहीं जले क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश अनुसार चेकपोस्ट बंद हुए यह तो उस समय आयुक्त डॉ शैलेंद्र श्रीवास्तव तथा आला अधिकारियों के शासन हित मे प्रयास थे कि युगल खंडपीठ से उपरोक्त स्थगन आदेश को खारिज करवाया आयुक्त मुकेश जैन ने इन्हीं आदेशों का पालन करते हुए विभाग तथा अधिकारी कर्मचारियों के हित में कुछ महीने तक तो सब खेल ठीक चलता रहा परंतु अंदर ही अंदर अपने ही अधिकारियों कर्मचारियों को अपनी कलम अथवा अन्य संसाधनों का भय दिखा अकारण छोटी-छोटी बातों पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दूध में से मलाई बनाने की आग को रिकॉर्ड तोड़ तेज कर दिया जिससे कढ़ाई में रखा दूध खोलता तो रहा परंतु कारण बताओ नोटिस की प्रताड़ना आंकड़ों का अभी तक सभी आयुक्तों को के रिकॉर्ड को लाँघ गए फिर भी कई शिकार होकर आयुक्त के विरुद्ध आवाज उठानी शुरू की परंतु मैं तुलसी तेरे आंगन की कहावत को चरितार्थ करते हुए कई अधिकारी कर्मचारी तो शरणागत हो गए जो नहीं हुए वह बदहाल हो गए इसी कारण अजीत बाथम जगदीश मीना वीरेंद्र यादव को किसी चेक पोस्ट पर प्रभारी पद से दूर रखा गया जो अपनी शासन हित की कार्यप्रणाली के साथ ही मजबूत पकड़ रखते थे उनको भी इस प्रताड़ना का शिकार अभी तक निरँतर बनाया जा रहा है करोना कॉल मे जिन अधिकारी कर्मचारियों ने रात दिन मेहनत कर कर ऑक्सीजन सप्लाई के लिए प्रयास कर प्रदेश के लाखों लोगों की जान बचाई वह भी अधिकारी कर्मचारी इस प्रताड़ना का शिकार हुए तथा वर्तमान में भी शिकार हो रहे हैं यह बात सही है कि आयुक्त मुकेश जैन ने अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को प्राप्त शिकायतों का उच्च स्तर पर आंकड़ों के आधार पर निपटारा कर वाह वाही लुट तो ली परंतु यह भी सही है कि विभाग का राजस्व लक्ष्य वह पहली बार पूरा नहीं कर सके इसे आयुक्त की कार्यप्रणाली करें या मुख्य भवन के वास्तु दोष को दोषी माने क्योंकि मुख्य भवन का प्रवेश द्वार दक्षिण दिशा पर होकर प्रवेश करते ही जगत के रक्षक श्री बजरंगबली जी की तस्वीर पश्चिम दिशा में रखकर धार्मिक श्रद्धालुओं भावनाओं को आहत किया जा रहा है धार्मिक परंपरा अनुसार पूजा योग्य हनुमान जी का स्थान अधिकतर दक्षिण अथवा पूर्व दिशा में होता है शायद इसी कारण विभाग मे अस्थिरता का माहौल बना होकर आयुक्त विवादित बने हुए हैं परिवहन आयुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त प्रशासन के पद पर आयुक्त की कार्यप्रणाली के कारण कोई भी अधिकारी आने को तैयार नहीं काम का बोझ शासन प्रशासन के पत्राचार का जवाब समय पर देना न्यायालयीलन मामलों में सजग रहना राजस्व वसूली को शासन हित मे सीधा अपनी निगरानी में रखना अपर आयुक्त परिवर्तन जिस धर्म निष्ठा से कार्य निभा रहे हैं अगर वह जरा सा भी लापरवाह हो जाए तो विभाग की ओर दुर्गति हो शासन द्वारा आम जनहित में सूत्र सेवा को भी विकेंद्रीकरण कर आयुक्त मुकेश जैन ने कई नियमों का हवाला देकर बोना साबित कर दिया यह बात सही है कि कई कुपात्रों को सूत्र सेवा के परमिट नहीं मिल सके परंतु यह भी सही है के कई सुपात्रों को केवल इसलिए परमिट नहीं मिल सके कि वह कार्यालय में तैनात चहेते निरीक्षक की मांग को पूरा नहीं कर पाए माँग पुरा करने वाले कुपात्रों को मुकेश जैन के मौखिक निर्देशों पर परमिट भी जारी कर दिए गए जिसका उदाहरण रीवा तथा शहडोल संभाग के जो तमाम गंभीर शिकायतों के के बाद भी बेखौफ अवैध वसूली कर शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं कागजों पर तो दिखावे के लिए उन पर कार्रवाई की जाती है परंतु धरातल पर उनको और अधिक मजबूत किया जा कर पद से नहीं हटाया जाता ऐसा पक्षपात आयुक्त क्यों और किस लिए करते हैं इस बात का जवाब तो आप खुद दूध की मलाई से समझ जाते होंगे फिलहाल उनकी अवैध वसूली एवं विवादित कार्यप्रणाली को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में याचिका लंबित है इस जांच का भी उन्हीं के विभाग के एक निरीक्षक रहे की हस्तलिखित लेखनी मुख्य गवाह है परंतु इसे विभाग मुख्यालय का वास्तु दोष माने या आयुक्त की शासन के साथ-साथ कर्मचारी विरोधी कार्य प्रणाली माने फिलहाल शासन को सीमित संसाधनों अधिकारी कर्मचारियों की कमी के बावजूद भी सर्वाधिक राजस्व देने वाली इस विभाग के अधिकारी कर्मचारी आयुक्त की कार्यप्रणाली के कारण दो पाटों में पिस रहे हैं बताया तो जाता है कि इन सब कारनामों की शिकायत संगठन एवं सत्ता के शिखर के निर्णयाको तक पहुंच चुकी है परंतु आयुक्त के विरुद्ध शासन तथा विभाग के हित में कलम कब चलेगी इसका इंतजार है