आज मंगलवार 10 जनवरी 2022 को ग्वालियर के जयविलास पैलेस के म्यूजियम प्रांगण में कैलाशवासी दत्ताजीराव सिंधिया जी के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत रागी सिंहों द्वारा सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत शब्द कीर्तन के साथ आरंभ किया गया।
इस अवसर पर महारानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने दत्ताजीराव सिंधिया जी को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदान को नमन किया।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश स्टेट प्रेस क्लब के महासचिव व सिटी टुडे के संपादक सरदार गुरुशरण सिंह आहलूवालिया के अलावा युवा नेता सरदार गुरुदयाल सिंह तथा अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान इतिहासकार श्री गोस्वामी ने बताया कि किस प्रकार दत्ताजीराव सिंधिया द्वारा स्वराज (मराठा) एवं खालसा पंथ के संयुक्त प्रयासो से मुगल शासक अत्याचारी अहमद शाह अब्दाली के विरुद्ध युद्ध में बलिदान दिए गए थे।
ज्ञात हो कि आज भी इतिहास में पानीपत की लड़ाई ऐतिहासिक यादगार बनी हुई है जिस लड़ाई के दौरान देश की रक्षा करते हुए मराठा नेतृत्व व सिक्ख फौजो ने बाबा आला सिंह जी व बाबा जस्सा सिंह अहलुवालिया जी ने मुगल शासकों का मुकाबला देश की रक्षा के लिए किया था, इस युद्ध में हजारों सैनिकों के साथ ही अकेले सिंधिया परिवार के ही 18 लोगों को युद्ध के दौरान अपना बलिदान देना पड़ा था इसमें सबसे कम उम्र के 16 वर्षीय मराठा शासक कैलाशवासी जनकोजीराव सिंधिया जी भी थे। सिंधिया परिवार द्वारा देश की रक्षा करते हुए उनके बलिदान तथा पानीपत की लड़ाई के युद्ध की कहानी सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।