ग्वालियर महानगर में प्रदेश स्तर के 6 नेता जिनमें पूर्व मंत्री दलबदलू बालेंद्र शुक्ला तथा चार बार लोकसभा का चुनाव हार चुके अशोक सिंह दोनों दिग्विजय सिंह समर्थक प्रमुख रूप से है हालांकि ग्वालियर महानगर की राजनीति में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह भी दिलचस्पी रखते हैं परंतु वह भी एक सीमित होकर बताया जाता है कि विधायक प्रवीण पाठक तथा सतीश सिकरवार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र मैं आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो कर इन दोनों नेताओं से दूरी बनाए हुए हैं क्योंकि दोनों नेता तथा महापौर डॉ शोभा सतीश सिकरवार कमलनाथ समर्थक है. शह और मात की राजनीति में सभी खिलाड़ी बताए जाते हैं शायद इसीलिए डॉ सतीश सिकरवार विधायक ने अपने वर्षों पुराने साथी जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार कल्लू दीक्षित को भी किनारे कर देवेंद्र शर्मा को समर्थन देकर देवेंद्र शर्मा की अध्यक्ष की कुर्सी बचा ली .
वर्तमान में पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ला ने अपने समर्थकों की संख्या बढ़ाने के साथ कमलनाथ समर्थकों के विरुद्ध अघोषित शीत युद्ध छेड रखा है परंतु सड़कों पर सभी नेता कहते हैं हम एकजुट हैं , भा जा पा नेताओं की नाराजगी कार्यकर्ताओं का असंतोष प्रत्याशी का गलत चयन आदि कई मुद्दों से भा जा पा महापौर प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा जिससे कांग्रेस महापौर विधायक सहित जीतने के बाद अति उत्साहित हो गये.
पिछले 2 महीने से पूर्व मंत्री बालेंद्र शुक्ला अपने निवास पर चहेते कार्यकर्ताओं नेताओं के साथ चुनिंदा पत्रकारों को 5 बार से अधिक सहभोज पार्टी का आयोजन कर चुके हैं परंतु महापौर शहर दोनों नेताओं ने इस कार्यक्रम से दूरी बना रखी अशोक सिंह भगवान सिँह औपचारिकता वंश एक बार इस कार्यक्रम में कुछ देर के लिए शामिल हुए बताया जाता है कि उनको अभी शुक्ला की हकीकत पता लगी तो वह भी सतर्क हो गए जबकि यह दोनों दिग्विजय सिंह समर्थक है.
राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक ग्वालियर में विधानसभा चुनावों की तैयारियों को अंतिम रूप देने की प्रदेश नेतृत्व रूपरेखा बनाने में व्यस्त हैं वही बालेंदु शुक्ला कांग्रेस को मजबूत करने की जगह कांग्रेस में गुटबाजी फैला कर अपना खोया हुआ वजूद मजबूत करना चाहते हैं जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी सड़कों पर आकर संगठन को चुनौती देने के साथ ही नुकसान भी करेगी.