December 23, 2024
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सिद्धारमैया के CM और शिवकुमार को डिप्टी CM बनाने के ऐलान से दलित समुदाय आहत हुआ है। कर्नाटक में दलित CM की डिमांड काफी ज्यादा थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं भी सरकार चला सकता था। अगर CM नहीं तो कम से कम मुझे डिप्टी CM तो बनाना चाहिए था। यह बयान कर्नाटक कांग्रेस के सीनियर नेता जी परेमश्वर का है। इससे पहले उन्होंने अपने बयान में कहा था- मैं भी अपनी तरफ 50 विधायक लाकर दिखा सकता हूं।

कांग्रेस नेता जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा- मैं भी कर्नाटक का CM बनने की रेस में हूं। राजनीति में आने से पहले उन्होंने श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज की स्थापना में अपने पिता की मदद की थी।

1989 में जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तुमकुर का दौरा किया था तब परमेश्वर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी KPCC के संयुक्त सचिव के रूप में शामिल हुए थे। परमेश्वर एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में राज्य के पहले दलित उपमुख्यमंत्री थे। परमेश्वर छह बार विधायक बन चुके हैं।

उन्होंने 1989, 1999 और 2004 में मधुगिरी, 2008, 2018 और 2023 में कोराटागेरे से विधानसभा का चुनाव जीता। वह सबसे लंबे समय 8 साल तक KPCC प्रमुख रहे और एडिलेड यूनिवर्सिटी के वेट एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर से प्लांट फिजियोलॉजी में PhD हैं।1993-94 में वह सेरीकल्चर मिनिस्टर और 1999-2004 में हायर एजुकेशन मिनिस्टर रह चुके हैं।

तुमकुरु जिले को रिप्रजेंट करने वाले परमेश्वर 2013 में राजनीति में नौसिखिए सुधाकर लाल से विधानसभा चुनाव हार गए थे। उस वक्त वह कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे।परमेश्वर उस समय मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन हार की वजह से यह मौका खो बैठे। इसके बाद वह MLC बने और फिर सिद्धारमैया सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। परमेश्वर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कोलार लोकसभा सीट से अपनी हार के लिए सिद्धारमैया को जिम्मेदार ठहराया था।

उनके समर्थक कोराटागेरे विधानसभा क्षेत्र में हॉस्पिटल, डैम, वाटर सप्लाई सेंटर्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत 2,500 करोड़ रुपए के डेवलपमेंट का श्रेय देते हैं। हालांकि परमेश्वर के एलीट क्लास का होने और उन तक आम आदमी की पहुंच न होने का आरोप भी लगता है।परमेश्वर ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें सरकार चलाने के लिए कहता है तो वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

परमेश्वर कहते हैं, ‘मैं ऐसा नेता हूं जो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में विश्वास रखता है। मेरे कुछ सिद्धांत हैं। मैं भी अपनी तरफ से 50 विधायक लाकर दिखा सकता हूं। हालांकि पार्टी के सिद्धांत मेरे लिए ज्यादा अहम हैं। मैंने पहले ही कहा है कि अगर हाईकमान मुझे ये मौका देगा तो मैं इसे स्वीकार करूंगा। मैंने नहीं कहा कि मैं इसे अस्वीकार कर दूंगा। पार्टी आलाकमान भी ये बात जानता है।’ परमेश्वर कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी का बड़ा दलित चेहरा माने जाते हैं। परमेश्वर के इस बयान के बाद कर्नाटक में उनके समर्थकों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया और उन्हें CM बनाने की मांग की।

एमबी पाटिल कर्नाटक के पूर्व मंत्री रह चुके हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ लिंगायत नेताओं में से एक हैं। उन्होंने 1991 में टिकोटा से विधानसभा चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद कांग्रेस नेता ने बीजापुर (अब विजयपुरा) से लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बने। 2008 में पाटिल ने फिर से बाबलेश्वर से विधानसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद से लगातार वह इस सीट से विधायक बन रहे हैं।

उन्होंने इस बार के विधानसभा चुनावों में ‌BJP कैंडिडेट विजयकुमार पाटिल को 74,950 वोट से हराकर चौथी बार इस सीट पर कब्जा जमाया। कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व गृह एवं जल संसाधन मंत्री पाटिल पहले ही मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा जता चुके हैं।

पाटिल ने इस साल अप्रैल में एक बातचीत में कहा था कि कांग्रेस में CM पद के कई दावेदार हैं, उनमें से एक मैं भी हूं। उन्होंने कहा था कि मेरे साथ ही जी परमेश्वर, कृष्णा बायरे गौड़ा, रामलिंगा रेड्डी, एच के पाटिल और आर वी देशपांडे भी CM पद के लिए दावेदार हैं।

कई नेता हैं जो CM बनने की काबिलियत रखते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या लिंगायत नेताओं जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में शामिल होने से मुख्यमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा को खतरा हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि लिंगायतों में मैं शेट्टार और सावदी से कहीं अधिक सीनियर हूं। उन्हें CM पद का दावेदार बनने में अभी समय लगेगा।

मैं कई अन्य लोगों की तरह मुख्यमंत्री बनने में सक्षम हूं, लेकिन इस पर फैसला पार्टी को करना है। 2018 में लिंगायतों के लिए धार्मिक स्टेटस की सिफारिश करने में पाटिल सबसे आगे थे।

शिवकुमार ने उस वक्त कहा था कि लिंगायत समुदाय के लिए धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जे की सिफारिश करके पार्टी ने बहुत बड़ी गलती की है। इसके बाद पाटिल ने शिवकुमार के इस बयान पर नाराजगी जताई थी।

92 साल के शमनूर शिवशंकरप्पा कर्नाटक के सबसे उम्रदराज विधायक हैं। कर्नाटक के इस सबसे अनुभवी नेता को आसपास के लोग प्यार से एसएस कहकर पुकारते हैं।

चलने के दौरान उन्हें भले ही सहारे की जरूरत पड़ती है, लेकिन उनकी सुनने की क्षमता काफी अच्छी है। अभी एकदम साफ और क्लियर बोलते हैं।

कांग्रेस के एक नेता बताते हैं कि शिवशंकरप्पा के राजनीतिक कौशल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और BJP नेता जगदीश शेट्टार को कांग्रेस के पाले में लाने का काम सौंपा था।

शिवशंकरप्पा एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं, जो दावणगेरे में मेडिकल, इंजीनियरिंग और नर्सिंग कॉलेज चलाते हैं। उन्होंने नामांकन दाखिल करते समय 312.75 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की थी।

बिजनेस इनसाइडर के अनुसार, उन्होंने शुगर डिस्टिलरीज में निवेश कर रखा है। उन्होंने एक कन्नड़ फिल्म भी बनाई है।

शिवशंकरप्पा के तीन बेटे और चार बेटियां हैं। कांग्रेस ने उनके बेटे एसएस मल्लिकार्जुन को दावणगेरे नॉर्थ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया।

पांच बार के विधायक और पूर्व सांसद कांग्रेस के इस दिग्गज ने हाल के विधानसभा चुनावों में दावणगेरे साउथ से जीत दर्ज की।

विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने खुद को चुनावी अखाड़े में ‘सरपट दौड़ने वाला घोड़ा’ बताया था। इस दौरान जब एक रिपोर्टर ने कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उनसे कहा कि उनकी जगह अल्पसंख्यक समुदाय के किसी शख्स को टिकट मिलना चाहिए।

इस पर शिवशंकरप्पा ने उसे मजाक में झिड़कते हुए कहा था, ‘मुसीबत पैदा मत करो। यहां (दावणगेरे साउथ) सभी मेरे साथ हैं। आपको इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। मुस्लिम और लिंगायत सभी मेरे साथ हैं।’

शिवशंकरप्पा ने अपनी जीत के बाद एक बातचीत में कहा था कि वह पार्टी से लिंगायत विधायक को मुख्यमंत्री के रूप में चुनने का आग्रह करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं, शिवशंकरप्पा ने तुरंत उत्तर दिया, ‘हां हां, क्यों नहीं?’

ईश्वर खांड्रे कर्नाटक कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट हैं। फरवरी में खांड्रे से पूछा गया था कि कर्नाटक में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर उन्होंने कहा था कि कुछ भी हो सकता है। पार्टी में समुदाय के कई लोग हैं जो अगली सरकार में राज्य का नेतृत्व कर सकते हैं।

खांड्रे ने 2019 में BJP नेता येदियुरप्पा को कांग्रेस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। खांड्रे ने भालकी में कहा था कि येदियुरप्पा आएं और हमारी पार्टी में शामिल हों, उन्हें BJP आलाकमान द्वारा परेशान किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ राहत पर चर्चा करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री जो राज्य के सात करोड़ लोगों के प्रतिनिधि हैं को समय नहीं देकर राज्य के लोगों को अपमानित किया है।

उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा क्यों BJP में हैं? अगर उनमें स्वाभिमान है तो उन्हें BJP छोड़कर हमारी पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि येदियुरप्पा किस तरह के उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं? खांड्रे ने कहा कि आप भी जानते हैं कि स्थिति क्या है?

आप जानते हैं कि उसके साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है? सारे आदेश ऊपर से आ रहे हैं। ऐसे में वह सरकार कैसे चला सकते हैं?

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