- लेज चिप्स बनाने में काम आती है FC5 नामक आलू की किस्म
- दिल्ली हाई कोर्ट ने पेप्सिको को दिया बड़ा झटका
- कंपनी ने FC5 के पेटेंट को रद्द करने के फैसले के खिलाफ की थी अपील
नई दिल्ली : आलू के चिप्स (Potato Chips) किसे पसंद नहीं होते। खास तौर पर Zen Z के तो ये फेवरेट हैं। लेकिन 10 रुपये का चिप्स का पैकेट खोलो तो निकलते हैं कुल 5-7 सात चिप्स और खूब सारी हवा। पर चिप्स बनने तो आलू के ही हैं और वो तो बहुत सस्ता है। आप में से कईयों ने घर पर आलू के चिप्स बनाने की कोशिश की होगी। एक किलो आलू में ही खूब सारे चिप्स बन जाते हैं। इतने कम दाम में इतने सारे चिप्स देखकर मन ही मन आप बहुत खुश हुए होंगे। लेकिन घर के चिप्स जब खाए तो मिला क्या? सिर्फ मलाल… क्योंकि लेज के चिप्स (Lay’s chips) में जो स्वाद आता है, वो घर पर बने चिप्स में कभी नहीं मिलता। तो आखिर लेज करता क्या है? किस खेत के आलू से बनाता है वो अपने चिप्स?
पेप्सिको को DHC से झटका
लेज पेप्सिको (PepsiCo) का प्रोडक्ट है। पेप्सिको अमेरिका की बड़ी फूड कंपनी है। इस कंपनी को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से एक बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पेप्सिको की एक अपील को खारिज कर दिया है। पेप्सिको ने यह अपील लेज चिप्स में काम आने वाले आलू की किस्म के पेटेंट को रद्द करने के एक आदेश के खिलाफ की थी। पौधों की विविधता और किसानों के अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPVFR) ने 2021 में पेप्सिको की एफसी5 आलू किस्म के पेटेंट को रद्द कर दिया था। प्राधिकरण ने कहा था कि भारत के नियम बीज किस्मों पर पेटेंट की अनुमति नहीं देते हैं।
विशेष आलू से बनते हैं लेज
अब आप सारा माजरा समझ गए होंगे। पेप्सिको अपना लेज चिप्स बनाने के लिए एक विशेष किस्म के आलू का उपयोग करती है। यह आलू सिर्फ चिप्स बनाने के ही काम आता है। इस आलू की किस्म का नाम FC5 है। इस आलू की खासियत यह है कि इसमें पानी की मात्रा कम होती है, जिससे बढ़िया क्रिस्पी चिप्स बनते हैं।
पेप्सिको ने डेवलप की है यह किस्म ?
अमेरिका का स्नैक्स और ड्रिंक मेकर पेप्सिको ने साल 1989 में भारत में अपना पहला आलू चिप्स प्लांट लगाया था। पेप्सिको किसानों के एक ग्रुप को FC5 बीजों की सप्लाई करता था, जो बदले में अपनी उपज कंपनी को एक तय दाम में बेचते थे। पेप्सिको कहता है कि उसने एफसी5 किस्म को विशेष रूप से डेवलप किया और 2016 में इसे रजिस्टर करवाया।
किसानों पर किया था मुकदमा
साल 2019 में पेप्सिको ने कुछ भारतीय किसानों पर एफसी5 आलू किस्म की खेती करने के लिए मुकदमा दायर किया था। कंपनी ने किसानों पर इसके पेटेंट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। कंपनी ने कथित पेटेंट उल्लंघन के लिए प्रत्येक किसान से 1,21,050 डॉलर से अधिक की मांग की थी। हालांकि, मई 2019 में कंपनी ने किसानों के विरोध के बाद इन मुकदमों को बिना शर्त वापस ले लिया था।
कोर्ट ने रद्द की याचिका
एक्टिविस्ट कविता कुरुगंती ने इस मामले पर पौधा किस्म और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में एक आवेदन दायर किया था। इस पर सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने कंपनी का पीवीपी प्रमाण पत्र रद्द करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले के विरोध में पेप्सिको ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब दिल्ली हाई कोर्ट ने कंपनी की याचिका को रद्द कर दिया है। जज नवीन चावला ने कहा कि इस अपील में कोई योग्यता नहीं मिली, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।