प्रोपर्टी बंटवारे में अक्सर विवाद देखने को मिलता है। कोई प्रोपर्टी में हक पाना चाहता है तो कई हथियाना चाहता है। माता पिता की संपत्ति में बेटा बेटी का कितना अधिकार है ये तो आपको पता होगा, लेकिन क्या आपको पता है ससुर की संपत्ति (father-in-law’s property) में दामाद और बहू (Property Rights) का कितना अधिकार होता है।
पैतृक संपत्ति में हम अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं। काननूी रूप से हमारा अधिकार है। लेकिन क्या दामाद ससुर की संपत्ति में हिस्सेदारी (father-in-law’s property) का दावा किया जा सकता है। ससुर की प्रोपर्टी में बहू अपने हिस्से का दावा कर सकती है। आज हाईकोर्ट के फैसले से ससुर की संपत्ति में हक मानने और मांगने वाले दामादों (Son-in-law’s right in property) को तगड़ा झटका मिला है। लेकिन कुछ स्थिति में दामाद को प्रोपर्टी (Property Rights) में हिस्सदारी मिल सकती है।
हाईकोर्ट (High Court Decision) ने एक मामले की सुनवाई करते हुए साफ कर दिया की ससुर की संपत्ति में दामाद को कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दामाद ससुर की जायदाद या भवन में हक का दावा नहीं कर सकता। High Court के जस्टिस अनिल कुमार ने तैलीपाराम्बा निवासी डेविस राफेल की अपील खारिज करते हुए ये फैसला दिया है। डेविस ने अपने ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर हक (father-in-law’s property) जताया था। इससे पूर्व हेंड्री (ससुर) ने पयान्नुर की निचली कोर्ट में ये केस दाखिल किया था। हेंड्री ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वो डेविस को उनकी संपत्ति में दखलंदाजी व वहां आने जाने पर स्थाई रोक लगाए और उन्हें अपनी संपत्ति व मकान का शांतिपूर्वक उपभोग करने दिया जाए। इस पर दामाद डेविस ने दलील दी थी कि उसने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की है और शादी के बाद उसे एक तरह से परिवार ने गोद ले रखा है, इसलिए उसका इस मकान व संपत्ति में रहने का हक (property rights) है। इन तमाम दलीलों के बावजूद निचली कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि डेविस का हेंड्री की संपत्ति में कोई हक नहीं है। इसके बाद मामले हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि ये कहना मुश्किल है कि दामाद परिवार का एक सदस्य है। दामाद (son in law) का ये कहना भी शर्मनाक है कि उसे परिवार ने हेंड्री की बेटी से शादी के बाद परिवार ने एक तरह से गोद ले लिया था।
इस स्थिति में दामाद को मिलेगा प्रोपर्टी में अधिकार
हाउस कोर्ट के वकील अभिषेक सिंह कहते हैं कि कानून के हिसाब से दामाद को जायदाद (Property) में हिस्सा नहीं मिल सकता। सास-ससुर इच्छा से अपने दामाद को प्रॉपर्टी में हक दे सकते हैं। अगर लड़की के मायके वाले ने लड़की को उपहार के तौर पर कोई प्रोपर्टी दी है और उस संपत्ति के पेपर बेटी के नाम से है। किसी कारण से अगर उसकी मौत हो जाती है तो उस संपत्ति पर दामाद का अधिकार (Son-in-law’s right on property) होगा। केवल इसमें ये शर्त है कि उन दोनों के बच्चे होने चाहिए। बच्चे न होने पर दामाद का उस संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा। इसके लिए वो कोर्ट में क्लेम करके भी कुछ हासिल नहीं कर सकता है। हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 (Hindu Succession Act 1956) के अनुसार अगर किसी कारण से पति की डेथ हो जाती है तो उसके नाम से जो भी संपत्ति होगी उसपर उसकी पत्नी का अधिकार होगा। इस अधिनियम (Act) के पारित होने के बाद किसी हिंदू महिला के पास 3 तरह की संपत्ति होगी।