
मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों का माहौल जानने के लिए चार राज्यों के विधायकों का ट्रेनिंग सेशन शनिवार को भोपाल में रखा गया है. ट्रेनिंग के लिए गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार से बीजेपी विधायक भोपाल बुलाए गए हैं. भोपाल में इन विधायकों को आज दिन भर ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके बाद हर विधायक को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र की ज़िम्मेदारी दी जाएगी. जहां जाकर यह विधायक स्थानीय नेताओं के साथ-साथ इलाके की आम जनता से भी चर्चा करेंगे.
इन विधायकों को सात दिन तक उनके प्रभार वाली विधानसभा सीट पर रहना होगा. जिसकी रिपोर्ट बनाकर विधायक बीजेपी आलाकमान को सौंपेंगे. यह विधायक संबंधित विधानसभा सीट के स्थानीय मुद्दों का फीडबैक भी आलाकमान को देंगे ताकि चुनाव में उन मुद्दों को प्रमुखता दी जा सके.
विधायकों के ट्रेनिंग सत्र को केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव, राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा संबोधित करेंगे. अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्रों में यह विधायक अगले एक हफ्ते तक रहेंगे और माना जा रहा है कि इनकी फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर ही उम्मीदवारों के नाम तय होंगे और चुनावी रणनीति बनाई जाएगी.
रिपोर्ट से तय होंगे प्रत्याशी
चार अलग-अलग राज्यों के विधायक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद निर्धारित विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे. ये विधायक स्थानीय नेताओं के अलावा स्थानीय लोगों से भी चर्चा करेंगे. 7 दिनों के बाद ये विधायक अपनी रिपोर्ट बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. इन विधायकों की रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित क्षेत्र में विधानसभा प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
बताएंगे स्थानीय मुद्दे
इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की कमान पूरी तरह से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हाथों में ले रखी है. केंद्रीय गृहमंत्री शाह की रणनीति के आधार पर ही दूसरे राज्यों के विधायक मप्र के दौरे पर रहेंगे. ये विधायक क्षेत्र में घूमकर वहां के स्थानीय मुद्दों से भी केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराएंगे, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में उन मुद्दों पर जोर देकर चुनाव लड़ा जा सके. अपने प्रभार वाले विधानसभा क्षेत्रों में ये विधायक अगले एक हफ्ते तक रहेंगे. माना जा रहा है कि इनकी फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर ही उम्मीदवारों के नाम तय होंगे और चुनावी रणनीति बनाई जाएगी.
हार-जीत की संभावना का लगाएंगे पता
चुनावी रणनीति के तहत ही दूसरे राज्यों के विधायकों से सर्वे कराया जा रहा है. विधायक हर विधानसभा में पहुंचकर हार-जीत की संभावना का पता लगाएंगे. विधायक पार्टी को यह बताएंगे कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है. ये वे विधायक हैं जो उनके राज्यों में कद्दावर हैं और लंबा अनुभव रखते हैं. अमित शाह ने पहले दिन की बैठक में साफ कर दिया था कि एमपी में हारी हुई सीटें को कैसे जीतना है, इसका बारीकी से अध्ययन कर रिपोर्ट दें. बैठक के बाद दिल्ली में भी मंथन हुआ और दिल्ली कोर ग्रुप की बैठक में ये फैसला लिया गया कि हारी सीटों पर 3 महीने पहले ही टिकट का ऐलान कर दिया जाएगा.