- चेकपोस्ट बंद कराने संगठित हुए थे परिवहन माफिया
- बेलगाम निरंकुश माफियाओं की बसे टूरिस्ट परमिट पर चल रही है, ओवरलोडेड ट्रक तोड़ रहे कानून
- त्यौहारी मौसम में इंदौर से छतरपुर का किराया 900 रूपये पर अब 2500 से 3000
सिटी टुडे। दीपावली का त्यौहार हो घर से दूर किसी शहर में अध्यनरत छात्र हों या नौकरीपेशा सब अपने परिवारों संग त्योहार मनाने अपने शहर अपने घर लौट रहे थे और अब भाईदूज से वापस छुट्टियां खत्म होने के कारण वापस भी जा रहे है लेकिन मध्यप्रदेश का परिवहन विभाग अब दोनों हाथ ऊपर खड़े करके परिवहन माफियाओं के सामने सरेंडर कर चुका है क्योंकि मुखिया जी को शायद माफिया पर शासनहित में कसावट पसंद नहीं मप्र परिवहन विभाग के हालात देखकर तो यही लगता है। छतरपुर से इंदौर बस का किराया 2500 से 3000 क्योंकि मौका था दीपावली का, छतरपुर सहित बुंदेलखंड के अधिकांश बच्चे इंदौर में अध्यनरत है जिनसे इस बार जबरदस्त लूट को गई है।
टूरिस्ट परमिट और पूरा खुला खेल: निरंकुश बस माफिया बेरोजगारो की भीं खाल उधेड़ रहे है, कहाँ है मध्यप्रदेश का परिवहन विभाग, क्या इन बस माफियाओ की उल्टी पी रहा है और हाथी के दांत खाने और दिखाने के लिए अलग अलग की तरह मोटर व्हीकल एक्ट का पालन करवाने और शासन हित में नियमों का पालन करवाकर राजस्व की आपूर्ति करने वाले चेकपोस्ट परिवहन माफियाओं के दबाव में बंद करने के बाद अब सिंडिकेट माफियाओं से सेटिंग बिठाकर दूध के धुले बनकर अवैध कमाई जारी है।
दरअसल ये लूट सिर्फ त्योहारी सीजन में ही नहीं बल्कि सालभर चलती रहती है। मप्र मे परिवहन चेकपोस्ट बंद होने से परिवहन माफियाओ की जैसे मानो लाटरी खुली गई है। जिनके पास स्वयं की एक भी गाड़ी भी नही है वो बने फिर रहे ट्रक यूनियन के ठेकेदार
राज्य की सीमाओं से ओवर लोड धड़ल्ले से चालू है
टूरिस्ट परमिट लेकर दिल्ली तक बसें सवारियां ढो रही है, एक बस मे सौ से डेड सौ यात्रियों को ढोया जा रहा है। ढंग से जांच की जाये तो 95 प्रतिशत ड्राइवर रातभर नशे की हालत में ट्रक दौड़ाते हुए मिलेंगे मानो जैसे यमराज ने इन्हें हाईवे पर मौत बांटने का ठेका दिया हो।
विपक्ष के इशारे पर राज्य शासन प्रशासन को दबाव मे लेकर परिवहन जांच प्रभावित करके अपना उल्लू सीधा करने मे लगे है ये परिवहन माफिया ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़ी कंपनियों से खबरें आई है कि यूनियन के नाम से ट्रक मालिकों से चंदा उगाही भी शुरू है। कुल मिलाकर अंतर्राज्यीय सीमा पर किसी तरह को रोक-टोक न होने की छूट मिलने के बाद हर तरह के अवैध व्यापार करने का अवैध लायसेंस मानते हुए परिवहन नियमो को खूंटी पर टांग कर परिवहन माफिया बेलगाम और निरंकुश हो चुका है ऐसे में सवाल उठने लगा है कि बेलगाम निरंकुश माफिया बड़ा या शासन