सिटी टुडे। ग्वालियर जिले की डबरा (Dabra News)तहसील में आने वाले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करियावटी और गर्ल्स छात्रावास करियावटी में बालिकाओं के साथ में हो रहे शोषण (girls made serious allegations of exploitation) का गंभीर मामला सामने आया है। छात्राओं ने हॉस्टल में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश करने, हॉस्टल वार्डन पर शोषण करने, डराने, धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। खास बात ये है कि वरिष्ठ अधिकारी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश की बात तो स्वीकार कर रहे हैं लेकिन शोषण जैसे आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं।
डबरा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम करियावटी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और गर्ल्स छात्रावास में बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का गंभीर मामला सामने आया है। बालिकाओं ने शिक्षक और वार्डन पर आरोप लगाया है कि छात्रावास में रहने वाली बालिकाओं को वार्डन द्वारा हॉस्टल में सफाई का काम कराया जाता है कभी-कभी टॉयलेट की भी बालिकाओं द्वारा सफाई कराई (Hostel warden and teachers accused of exploitation) जाती है।
हॉस्टल में रह रही बालिकाओं का कहना है कि जब उनकी तबीयत खराब होती है तो शिक्षकों द्वारा और वार्डन द्वारा उनका स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराया जाता साथ ही उनका कोई इलाज भी नहीं कराया जाता। छात्राओं ने कि अगर उनके माता-पिता से वह लोग इस बारे में कभी बात करते हैं तो उनको टीचर और वार्डन द्वारा मारा पीटा भी जाता है।
छात्राओं ने हॉस्टल में सही तरीके से पौष्टिक खाना भी नहीं दिए जाने के आरोप लगाए, उन्होंने बताया कि हमको रोटियां गिनती से दी जाती हैं और खाना भी अच्छा नहीं दिया जाता। इसकी शिकायत छात्राओं ने कई बार स्कूल के प्रिंसिपल से भी की लेकिन प्रिंसिपल का भी रवैया छात्राओं के प्रति ठीक नहीं रहा।
छात्राओं ने बताया कि हमारे छात्रावास में कई बार वहां मौजूद टीचर राजेंद्र भगत किसी भी वक्त छात्रावास के अंदर आ जाते हैं जिससे छात्राओं को काफी (पर्सनल) परेशानियां होती हैं। बच्चियों ने कहा कि उन्हें किसी से कुछ भी कहने पर टीचर और वार्डन द्वारा डराया धमकाया जाता है। इस संबंध में किसी रिश्तेदार या गांव वाले अगर आपत्ति जताते हैं तो स्कूल के संचालक और अन्य टीचरों द्वारा उन पर भी दबाव बनाया जाता है। छात्रों ने टीचर्स द्वारा एडमिशन के लिए रिश्वत लेने के भी आरोप लगाए।
परेशान बच्चियों ने कहा कि जब यहां से मीडिया कर्मी चले जाते हैं तब शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है और उन पर दबाव बनाया जाता है। जब इस संबंध में जब मीडिया ने वार्डन जामुनी भगत से बच्चियों के आरोपों पर सवाल किया गया तो वार्डन ने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वो यहाँ रहती हैं बच्चियों को कोई शिकायत नहीं है उन्हें किसी ने कुछ सिखाया गया है। हॉस्टल वार्डन ने टॉयलेट सफाई, एलईडी लाइट और पंखे अपने घर पर ले जाने के आरोपों को भी ख़ारिज कर दिया। लेकिन उन्होंने उनकी अनुपस्थिति में बाहरी व्यक्तियों की आने की बात जरूर स्वीकार की।
उधर जब छात्रावास परिसर में रह रहे चौकीदार से पूछा गया तो चौकीदार ने बताया कि मैडम कभी-कभी अपने किसी पर्सनल काम से छात्रावास से चली जाती हैं जिससे बच्चियों को अकेले रहना पड़ता है। चौकीदार ने कहा कि एक महिला और तीन पुरुष आये थे जब मैडम नहीं थी उसमें उनके यहाँ के एक टीचर भी था, उसने रोका तो धक्का देकर अंदर चले गए।
संचालक रामनिवास चौकोटिया से इस संबंध में जानकारी ली तो उनके द्वारा बताया गया कि इस बात की जानकारी उन्हें नहीं थी। और जब उनसे कहा गया कि उनके शिक्षकों द्वारा यह बात स्वीकार की गई है कि बच्चों से सफाई कराई जाती है तब उन्होंने कहा कि छात्रावास परिसर में और स्कूल परिसर में सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं और खाना बनाने के लिए भी वाइयों का इंतजाम है। लेकिन जब कभी सफाई कर्मी नहीं आते तो बच्चे अपना कमरा तो साफ कर ही सकते हैं झाड़ू बगैरा लगा लेते हैं।
इस गंभीर विषय पर जब बीईओ डबरा वी के पिपरोलिया से मीडिया ने बात की तो उन्होंने किस भी तरह के शोषण से इंकार कर दिया। उन्होंने बच्चियों के सफाई करवाने के आरोपों से भी इंकार किया। उल्टा सफाई देते हुए कहा कि कुछ छोटी मोटी कमियां रह जाती है हम सुधार करने की कोशिश करेंगे।