December 24, 2024
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सिटी टुडे। इंदौर जिले की नई अपर कलेक्टर सपना लोवंशी के साथ होता नजर आ रहा है। कुछ दिन पहले ही आयुष्मान योजना में 10 लाख रुपए की रिश्वत को लेकर वायरल हुए एक चर्चित वीडियो का लिंक उनसे जोड़े के आरोपों के बाद सरकार ने जांच बैठा दी है। इस घटनाक्रम के बाद लोवंशी ने कलेक्ट्रेट में कमरा नंबर 108 से तौबा कर अपनी कुर्सी और सामान ग्राउंड फ्लोर पर स्थित जी-11 में शिफ्ट कर लिया है। दरअसल घूसखोरी का वीडियो सामने आने के बाद कुछ लोगों ने मैडम को सलाह दी थी कि आप अभी जिस कमरे में बैठ रहीं हैं वो शुभ नहीं है। इसमें बैठने वाला जल्द विदा हो जाता है। ये है कमरा नंबर 108 की कहानी राजधानी में आयुष्मान भारत मध्यप्रदेश की कार्यपालक अधिकारी (ईओ) के पद से ट्रांसफर होकर पिछले महीने इंदौर में अपर कलेक्टर के पद पर तैनात हुईं हैं। यहां चार्ज लेने के बाद वे कलेक्ट्रेट में पहली मंजिल पर कलेक्टर चैंबर के सामने की ओर स्थित कमरा नंबर 108 में बैठ रहीं थीं। पहले यह बड़ा हॉल हुआ करता था। इसमें जनसुनवाई और अन्य बड़ी मीटिंग होती थीं। बाद में इस कमरे में टेबल टेनिस की टेबल रखवाकर कर्मचारियों के खेल एवं मनोरंजन कक्ष में तब्दील कर दिया गया। लेकिन जब जिले में अपर कलेक्टर के पद बढे़ तो दो साल पहले इसे अपर कलेक्टर के चैंबर में तब्दील कर दिया गया।

इसलिए अशुभ समझा जाता है कमरा नंबर 108 पहले इस कमरे में पूर्व अपर कलेक्टर मयंक अग्रवाल बैठे। उनके बाद यहां जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र भी कुछ समय बैठे उन्हें एडीएम का पद भी मिला। लेकिन कोविड आपदा के समय सीएम के दौरे पर हुए विवाद के बाद उन्हें एडीएम पद से हटा दिया गया। कुछ समय बाद ही  उनका इंदौर से तबादला हो गया। इसके बाद यह कमरा लंबे समय से खाली पड़ रहा। उनके बाद  इसे सपना लोवंशी को आवंटित किया गया। उनके यहां बैठते ही कुछ कर्मचारियों ने उन्हें इस कमरे से जुड़े किस्से बताए लेकिन तब उन्होंने अनसुना कर दिया। लेकिन जब आयुष्मान भारत योजना में घूसखोरी से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ तो वे विवादों में आईं। इसके बाद उन्होंने कमरा नंबर 108 छोड़ने में देर नहीं लगाई। कुर्सी और ऑफिस के सामान सहित वे ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरे जी-11 में बैठने लगीं। कमरा नंबर 103 वैसे इंदौर कलेक्ट्रेट में सभी अपर कलेक्टर की चाहत कमरा नंबर 103 की होती है, यह कमरा सबसे सीनियर अपर कलेक्टर को दिया जाता है। माना जाता है कि इस कमरे में बैठेने वाला अधिकारी यहां से किसी जिले का कलेक्टर बनकर ही जाता है। जिले में अपर कलेक्टर रहे रवींद्र सिंह, निधि निवेदिता, रुचिका चौहान, दिनेश शर्मा ऐसे नाम है जो जिलों में कलेक्टर बनकर ही यहां से ट्रांसफर हुए हैं। वर्तमान में अपर कलेक्टर अभय बेडेकर (आईएएस) इस कमरे में बैठते हैं।

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