
संसद द्वारा चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 पारित किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को विशेष अभियान शुरू किया, जिसमें उसे वोटर आईडी से जोड़ने के लिए आधार संख्या एकत्र करने का अधिकार दिया गया था।
चुनाव आयोग (Election Commission) ने 1 अगस्त से 12 दिसंबर के बीच पंजीकृत मतदाताओं से 54.32 करोड़ आधार कार्ड (Adhaar Card) एकत्र किए थे। इनमें से एक भी आधार को मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) से जोड़ने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। चुनाव आयोग ने सूचना के अधिकार (RTI) में कहा (आरटीआई) 15 दिसंबर को इंडियन एक्सप्रेस को को यह जानकारी दी है।
संसद द्वारा चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 पारित किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को विशेष अभियान शुरू किया, जिसमें उसे वोटर आईडी से जोड़ने के लिए आधार संख्या एकत्र करने का अधिकार दिया गया था।
17 जून को कानून मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2023 को अंतिम तिथि के रूप में अधिसूचित किया था कि मतदाता फॉर्म 6-बी भरकर वोटर आईडी से जोड़ने के लिए अपना आधार जमा कर सकते हैं। पिछले हफ्ते, चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कुल 95 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग आधों ने अपने आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ा है।
1 अगस्त से फॉर्म-6B में वोटर्स की आधार संख्या संग्रह का काम चल रहा
आरटीआई के जवाब में यह भी बताया गया कि चुनाव आयोग ने 4 जुलाई को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि 1 अगस्त से फॉर्म -6बी में मतदाताओं की आधार संख्या के संग्रह के लिए कार्यक्रम चलाया जाए। हालांकि, लिंकिंग अभी तक शुरू क्यों नहीं की गई, इस पर चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी नहीं की।
इस बीच, शुक्रवार को लोकसभा में सांसद रितेश पांडे, प्रद्युत बोरदोलोई और सैयद इम्तियाज जलील के एक सवाल का जवाब देते हुए, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि आधार और वोटर आईडी को लिंक नहीं करने पर किसी मतदाता को सूची से नहीं हटाया जाएगा।