प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट और पीएचडी होना जरूरी था लेकिन अब युवाओं का प्रोफेसर बनना आसान हो गया है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा लागू योजना के तहत अब कॉलेज में प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को मंजूरी दी गई है। ऐसे में अब बिना यूजीसी नेट और पीएचडी डिग्री धारी भी प्रोफेसर बन सकेंगे। साथ ही अगले अकादमिक सत्र में राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में विभिन्न क्षेत्रों में प्रोफेशनल और इंडस्ट्री एक्सपट्र्स प्रोफेसर के तौर पर इनकी भर्ती कर सकेंगे।
इन कॉलेजों में देंगे सेवाएं
Became professor without UGC-NET and Phd: महाराष्ट्र के 8 सरकारी कॉलेजों में बतौर प्रोफेसर इनकी सेवाएं ली जाएगी। इसके लिए मंजूरी दी गई है। प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के साथ ही अब हर एक्सपर्ट को उनके अनुभव के मुताबिक सैलरी का लाभ मिलेगा। वही प्रोफ़ेसर ऑफ़ प्रैक्टिस संबंधी गाइडलाइन को अपनाने वाले राज्य में अब महाराष्ट्र भी शामिल हो गया है।
यह होंगे नियम
Became professor without UGC-NET and Phd: राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत जिन व्यक्तियों की अपनी विशिष्ट पेशों और भूमिका में कम से कम 15 साल की सेवा अनुभव के साथ में विशेषज्ञता है। उन्हें प्रोफेसर ऑफ़ प्रैक्टिस के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ ही उनके अधिकारी डेढ़ लाख रखी गई है। उन्हें डेढ़ लाख रुपए प्रति महीने उपलब्ध कराए जाएंगे।
एकेडमिक सत्र 2023-24 के लिए इन पदों को भरने की योजना तैयार
Became professor without UGC-NET and Phd: नियम के तहत ऐसे प्रोफेसर की संख्या स्वीकृत प्रोफेसर के पद के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। राज्य में कुल 28 सरकारी कॉलेज में केवल 8 में प्रोफेसर के पद हैं, ऐसे में कुल 54 पद हैं। वही यूजीसी के 10 फीसद वाले नियम के हिसाब से राज्य सरकार को 5 पद भरने की योजना दी गई है। ऐसे में मुंबई के अलावा अमरावती, नागपुर और औरंगाबाद में प्रोफ़ेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि एकेडमिक सत्र 2023-24 के लिए इन पदों को भरने की योजना तैयार की गई है कॉलेज पदों को भरने के लिए अलग से विज्ञापन निकाले जाएंगे।