मप्र में डॉक्टरों की पहली पसंद भोपाल, इंदौर, ग्वालियर बने हैं। जहां स्वीकृत पद के मुकाबले 150% से भी ज्यादा डॉक्टर पोस्टेड हैं। जबकि, छोटे शहरों के हाल खराब ही होते जा रहे हैं। हमारे प्रदेश को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बड़ी खेप की जरूरत है।
डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज के आंकड़ों के मुताबिक अभी सिर्फ भोपाल, इंदौर और ग्वालियर ही ऐसे शहर हैं जहां स्वीकृत पदों के मुकाबले भी ज्यादा पोस्ट हैं। भाेपाल में 84 पद स्वीकृत हैं, जहां 131 पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं, जोकि 156% हैं। वहीं, ग्वालियर में 69 पोस्ट के मुकाबले 110 स्पेशलिस्ट हैं, यानी 159% पोस्टिंग, ऐसे ही इंदौर में स्वीकृत तो 89 पद हैं, लेकिन पोस्टिंग 105 पदों पर है। जोकि, 118% है।
सीधी और डिंडाेरी में सिर्फ 24% ही स्पेशलिस्ट
छोटे शहरों से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भी दूरी है। सबसे ज्यादा सीधी और डिंडोरी के हाल खराब हैं, जहां स्वीकृत पदों के मुकाबले सिर्फ 24% डॉक्टर ही पोस्टेड हैं। जबकि, अनूपपुर में 26% डॉक्टरों की ही पोस्टिंग है। छतरपुर, देवास, धार, गुना, हरदा, होशंगाबाद, जबलपुर, खरगोन, मुरैना, रतलाम, रीवा, सतना, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा में 50% से ज्यादा स्पेशलिस्ट पदस्थ हैं।
पूरे प्रदेश में 83 प्रतिशत मेडिकल ऑफिसर पदस्थ
प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर के हाल ठीक हैं, 83% पदों पर नियुक्ति हैं। ज्यादातर शहरों में 60% से ज्यादा पदों पर डॉक्टर पदस्थ हैं।
– भोपाल, दतिया, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, खरगोन, मुरैना, रीवा, सीहाेर, शिवपुरी, टीकमगढ़, उज्जैन में 100% से ज्यादा मेडिकल ऑफिसर हैं।
– सबसे ज्यादा मेडिकल ऑफिसर ग्वालियर में 194% और सबसे कम उमरिया में 22% पदस्थ हैं।
देवास, मुरैना में 80% से ज्यादा पोस्टिंग, क्योंकि ये महानगर के करीब वाले जिले हैं
इधर, इंदौर और ग्वालियर के करीबी शहरों में भी पोस्टिंग अच्छी है। देवास जोकि, इंदौर-उज्जैन के बीच है, यहां 82% स्पेशलिस्ट पदस्थ हैं। ऐसे ही ग्वालियर के करीब शहर मुरैना में 80% डॉक्टर पदस्थ हैं। जबलपुर में भी 81% डॉक्टरों की पोस्टिंग है।