इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुए हादसे के बाद ग्वालियर प्रशासन ने सबक लिया है। प्रशासन ने ग्वालियर में कुओं और बावड़ियों की संख्या पता लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। दरअसल ग्वालियर में सबसे ज्यादा कुएं और बावड़ियां हैं। अधिकांश पर अतिक्रमण किया हुआ है।
मध्यप्रदेश के इंदौर में एक मंदिर में हुए हादसे से पूरा मध्य प्रदेश विचलित है। अभी तक इस हादसे में 36 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन अब प्रदेश में पुरानी बावड़ी को लेकर सरकार सख्त हो गई है। हादसे के बाद ग्वालियर में सभी अधिकारी पूरी तरह सतर्क हो गए हैं इसी को लेकर नगर निगम के कमिश्नर किशोर ने लोगों से अपील की है कि ”शहर में कुओं और बावड़ियों पर अगर अतिक्रमण की खबर मिले तो तत्काल सूचित करें”।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा कुएं-बावड़ियां
ग्वालियर में सबसे ज्यादा खतरनाक जर्जर कुएं और बाबड़ियां हैं और इनकी संख्या लगभग 3000 से ज्यादा है क्योंकि ग्वालियर में सिंधिया रियासत कालीन के दौरान यहां पर सबसे अधिक कुएं और बावड़ी बनाई गई थीं जो अब पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। साथ ही इन कुएं बावड़ियों पर अतिक्रमण कर लिया गया है ऐसे में इंदौर में हुए हादसे से सबक लेते हुए नगर निगम ने अब पुराने रिकॉर्ड खोलना शुरू कर दिया है। निगम अधिकारी का कहना है कि ”शहर के अंदर कितने कुएं और बावड़ियां हैं, इसकी जानकारी ली जा रही है. अगर इन पर किसी ने अतिक्रमण किया है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी”।
कुएं और बावड़ियों पर अतिक्रमण
ग्वालियर शहर में ही लगभग 3000 से ज्यादा कुएं और बावड़ियां हैं और यह सरकारी और निजी भूमि पर मौजूद है। अधिकांश कुएं और बावड़ियों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। ऐसे में पहले से ही जिला प्रशासन और नगर निगम इन कुएं और बावड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए लगातार प्रयासरत है। इसको लेकर केंद्र सरकार की मदद से 25 लाख रुपए की राशि भी नगर निगम को प्रदान की जा चुकी है।