सिटी टुडे। मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग पर अवैध वसूली के आरोपो से निजात पाने के लिए मैन्युअल चालान करवाई को रोकने के साथ ही व्यवस्था को पारदर्शी बनाए जाने हेतु आधुनिक POS 200 मशीन खरीदने की अनुमति तो शासन ने दे दी है परंतु उसको धरातल पर लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने वित्त विभाग से नया शीर्षक खाता खोलने की अनुमति मांगी थी जो 3 महीने से अब तक वित्त विभाग के मंत्रालय में लाल बस्ते मैं पैक है जिससे व्यवस्था को पारदर्शी बनाए जाने के साथी मैन्युअल चालान कार्यवाही को बंद किए जाने की योजना को परिवहन विभाग नहीं लागू कर पाने की व्यवस्था हाल फिलहाल अधर में लटकी हुई है। परिवहन विभाग द्वारा विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।
सूत्रों अनुसार विभाग द्वारा इस नई कार्यप्रणाली को लागू करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा विभाग से MOU वित्त विभाग की अनुमति के बाद हो सकेगा। बताया जाता है अगर यह व्यवस्था लागू हो जाती है तो प्रदेश में चेक पोस्टों के अलावा धरातल स्तर पर व्यवस्था पारदर्शी हो जाने के साथ ही विभाग को ऊपर अवैध वसूली के आरोपों से छुटकारा मिलेगा व शासन के नियमानुसार ही ऑनलाइन चालान जारी होंगे जो On Spot गाड़ी मालिकों को भरने होंगे जिसमें चालान की पूरी अदायगी करनी ही होगी। ओवरलोड गाड़ियों से जहां शासन को राजस्व का नुकसान होता है, वहीं सड़कें भी समय से पहले खराब हो जाती हैं।
एक से अधिक दफा नियमो को तोड़ा तो बताएगी मशीन-
एक से अधिक दफा ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों की अब खेर नही है. यदि पहले ई-चालान कटा है और दूसरी दफा फिर नियमो को तोड़ते पकड़े गए तो यह पीओएस मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी। मशीन ट्रैफिक नियमो की नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक विभिन्न धाराओं और उनके जुर्माने की राशि फीड है जिस धारा का उल्लंघन होगा उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने आ जायेगी और गाड़ी मालिक को जुर्माना पूरा ही भरना पड़ेगा किसी प्रकार की रियायत नहीं मिल सकेगी।