भाजपा से इंदौर के पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे ने शनिवार को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए खरगोन चुनाव में अपनी हार का सबसे बड़ा आरोप अपनी ही पार्टी पर लगाया। इसके अलावा आगामी विधानसभा चुनाव और कार्यकर्ताओं में फैल रहे असंतोष को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।मोघे ने कहा कि पार्टी ने मुझे मेरे हाल पर छोड़ दिया है, मेरी कोई सुध नहीं ले रहे हैं इसलिए अब मैं स्वयं तय करूंगा कि 2023 के चुनाव में मुझे क्या करना है ?
एक न्यूज चैनल से बातचीत में मोघे ने जनता के रूख को देखते हुए मोघे ने 2023 में भाजपा की सरकार बनने का दावा किया है।
उन्होंने कहा कि मैं 2002 तक संगठन मंत्री था। मैं खरगोन से चुनाव लड़ा और जीता भी लाभ के पद के कारण मेरी सांसदी खत्म हुई थी। जब मैं वापस चुनाव लड़ा तब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे हराया। यह अनुभव मेरी जिंदगी का सबसे कड़वा अनुभव रहा। मोघे ने कहा कि खरगोन चुनाव के हारने के बाद राजनाथ सिंह ने मुझसे पूछा था कि मोघेजी आप चुनाव कैसे हार सकते हो? इस पर मैने इशारों-इशारों में अपने ही लोगों की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इसे अपने जीवन की दर्दनाक कहानी बताई।
मोघे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर प्रशंसा की धारा 370 और राम मंदिर को लेकर भी बेबाकी से उन्होंने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मीडिल क्लास के लिए हाउसिंग बोर्ड एक बड़ा सहारा है। उन्होंने कहा जब में हाउसिंग बोर्ड का चेयरमेन था , बोर्ड 63 करोड़ के घाटे में था। प्रापर्टी थी तो कॉलोनियां डेवलप की निम्न वर्ग की उन्नति के लिए प्रयास किया और कर्ज में डूबी हाउसिंग बोर्ड को मुनाफे में लाकर छोड़ा। निगम चुनाव में संभाग संगठन प्रभारी के पद खत्म होने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि व्यापक संपर्क विधायक का रहता है उसको रीडिंग और परिस्थिति का आंकलन को महत्व दिया जाना चाहिए।