स्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हेमा कोहली की खंडपीठ से वकीलों ने कहा, “वह जवाब नहीं दे रहे हैं और उनका पता नहीं चल रहा है. लंबे वक्त से विजय माल्या से बात नहीं हुई है.”
Vijay Mallya: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा है कि वे माल्या का प्रतिनिधित्व नहीं करना चाहते हैं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हेमा कोहली की खंडपीठ से वकीलों ने कहा, “वह जवाब नहीं दे रहे हैं और उनका पता नहीं चल रहा है. लंबे वक्त से विजय माल्या से बात नहीं हुई है.” उन्होंने (lawyers) बताया कि अवमानना की कार्यवाही के बावजूद वह भारत (India) की किसी भी अदालत (Court) में पेश नहीं हो रहे हैं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ माल्या की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कर्ज वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (DRAT) के समक्ष दायर उनकी अपील को बहाल करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. डीआरएटी (DRAT) ने माल्या को निर्धारित समय के भीतर 3,101 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. इस मामले में उनकी अपील खारिज कर दी गई.
जुलाई में सुप्रीम कोर्ट सुनाई 4 महीने की सजा
इस साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को चार महीने की सजा सुनाई, जो कि अवमानना मामले में अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक कर्ज नहीं चुकाने के मामले में आरोपी है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि माल्या को चार सप्ताह के भीतर ब्याज के साथ चार करोड़ डॉलर वापस जमा करने चाहिए और अगर वह ऐसा करने में विफल रहता है तो यह संपत्तियों की कुर्की की जाएगी.
“माल्या को भारत लाने के लिए अब और इंतजार नहीं”
गुरुवार (3 नवंबर) को खंडपीठ ने कहा कि इस संबंध में प्रॉपर पत्राचार किया जाएगा. पीठ ने कहा, “हम जनवरी में मामले को सूचीबद्ध करेंगे और नोटिस की तामील के अनुपालन के लिए रजिस्ट्री को ईमेल आईडी से अवगत करा दिया जाएगा.” साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसने काफी लंबा इंतजार किया है और माल्या को यूनाइटेड किंगडम से भारत में प्रत्यर्पित करने के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकता और सजा की मात्रा पर सुनवाई के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया.
ढाई साल से लटका हुआ माल्या का प्रत्यर्पण
इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विजय माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील (lawyers) के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया और अगर वह ऐसा करने में विफल रहता है तो अदालत मामले को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएगी. इस साल अक्टूबर में भारत में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अपने यूके (UK) समकक्षों से भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या के प्रत्यर्पण में तेजी लाने की अपील की. इस मामले पर दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा में चर्चा की गई थी. बता दें कि ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने अप्रैल 2020 में भारतीय भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी, लेकिन भारतीय अधिकारियों के अनुसार, अज्ञात कारणों से यह मामला अब ढाई साल से लटका हुआ है.