यह आलेख आप खुद पढ़ रहे हैं उसमें स्पष्ट है कि दिग्विजय के पूर्वज अंग्रेजों के साथ मिलकर देशद्रोह में मुख्य भूमिका निभाते रहे. इस बात को तथ्यों व प्रमाण साथ लेख लिखने वाले इंदौर निवासी समाचार पत्र के संपादक तथा मालिक को किस प्रकार प्रताड़ित कर कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में नेस्तनाबूद कर दिया यह सब जानते हैं.
कांग्रेस का बंटाधार करने के बाद 10 साल के सन्यास में पवित्र नदी मां नर्मदा की परिक्रमा जरूर की परंतु किसके लिए पुत्र तथा परिजनों के लिए. सन्यास खत्म होने के पूर्व ही 2008 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का षड्यंत्र निर्दलीय प्रत्याशी खड़े कर सिंह ने क्या प्रदेश तथा कांग्रेस के साथ विद्रोह नहीं किया?
गोवा में किस बड़े उद्योगपति के इशारे पर कांग्रेस की सरकार नहीं बनने जी इसकी शिकायत कांग्रेस के नेताओं ने ही प्रमाण सहित आलाकमान को की थी.
आंध्र प्रदेश का प्रभारी के नाते उद्योगपति सुभाष गुप्ता तथा अन्य चहेतों को सिंह ने हीं आंध्र प्रदेश से स्थापित करवा कांग्रेस के खिलाफ हाथ मिलाया था शायद इसीलिए आंध्र प्रदेश के प्रभारी से इनको हटाया गया था. 19 महीने की कांग्रेस सरकार के दौरान कांग्रेस का ही कई मंत्रियों ने दिग्विजय सिंह पर ब्लैकमेलर तथा सरकार को उद्योग बनाने का आरोप मंत्री उमंग सिंगार ने खुलेआम लगाया था.
उज्जैन निवासी स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी के सलाहकार राजेंद्र जैन ने तो सत्ता में रहते दिग्विजय सिंह के ऊपर विपक्ष के साथ सांठगांठ का आरोप स्पष्ट लगाया था तथा उन्होंने कहा था सिंह आरएसएस के कार्यकर्ता है . शायद इसी बात को दबाने के लिए सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान पुराने जिला संघ संचालक राधेश्याम को शराब का ठेकेदार बना दिया था.
विधानसभा चुनाव आते ही अब सत्ता के लालच में पुत्र के लिए मुख्यमंत्री का सपना तथा खुद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का सपना संजोए हुए हैं, शायद इसीलिए सिंह ने कांग्रेस के अंदर जातीय समीकरण खत्म कर दिए आज वैश्य , ब्राह्मण समाज जैसे कई नेताओं को इसी सिंह ने स्वार्थों की खातिर लाइन हाजिर करा दिया कांग्रेस अध्यक्ष बनने में तो सफलता नहीं मिली कमलनाथ की वैशाखीपर सवार होकर राज्यसभा में जरूर पहुंच गए परंतु राज्यसभा के उपसभापति बनने का सपना साकार नहीं हो सका तब दिमागी रूप से विचलित होकर अब देशद्रोही रहे बंटाधार परिवार को कालों के काल श्री महाकाल ही जल्दी सजा देंगे?
कांग्रेस के एक नेता तथा देश के जाने-माने संत ने तो अप्रत्यक्ष रूप से जो आरोप लगाए हर शख्स जानता है कि यह इशारा किसकी ओर है अब पाठक ही तय करेंगे कौन देशद्रोही है कौन बंटाधार है किसने देश प्रदेश तथा संगठन के साथ संगठन में रहकर विद्रोह कर रहे हैं वह भी विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण संगठन के जमीनी कार्यकर्ताओं से लेकर आलाकमान तक को स्वार्थों की खातिर ब्लैक मेलिंग करने में लगे हैं.