मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने के नाम पर समर्थकों को मजबूत करने वाले राजा साहब भले ही विधानसभा चुनावों के पहले दौरे कर कॉंग्रेस को मजबूत करने का दावा कर रहे है परंतु अब उनके किले में ही राजनीतिक दरार पड़ गई है।
सूत्रों अनुसार रानी अमृता को भले ही किले के अंदर अभी तक प्रवेश नहीं मिला परंतु अब रानी इसी किले के सहारे से विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है बताया जाता है कि उन्होंने इसके लिए राजा की पुश्तैनी विधानसभा क्षेत्र को चुना है परंतु यहां से युवराज बाबा साहब दो बार विधायक रह चुके हैं तीसरी बार चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए हुए हैं।
बताया जाता है कि किले के अंदर इस राजनीतिक दरार से राजा काफी चिंतित हो गए अब युवराज तथा अपने लक्ष्मण के लिए रानी की जिद के चलते विकल्प ढूंढने लगे है परंतु युवराज बाबा साहब इस मसौदे पर किसी भी स्तर पर तैयार नहीं है।
सूत्रों अनुसार अगर लक्ष्मण मान गए तो उनकी सीट से युवराज बाबा साहब को विधानसभा तथा लक्ष्मण को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता हैं। इसके अतिरिक्त यह विकल्प भी सामने आया है के लक्ष्मण को सिरोंज में भी भेजा जा सकता है।
ऐसे में सवाल आता है कि किले में आई इस राजनीतिक दरार के बाद कांग्रेस आलाकमान इस बात पर तैयार होगा कि राजा के एक ही परिवार के तीन सदस्यों को चुनाव लड़ाया जाए ? फिलहाल राजा इस मुद्दे पर मंथन करने के साथ ही रानी को भी मनाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह अपनी जिद त्याग दें।
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