
मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह द्वारा शह और मात की राजनीति के तहत जिस तरह नेता प्रतिपक्ष उमंग सिगार को पद से हटाकर अपने पुत्र को नेता प्रतिपक्ष बनाने की कूटनीति चली गई थी उसी रणनीति के तहत दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थक कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया आदिवासी कार्ड के खेलकर राष्ट्रीय युवक कांग्रेस का अध्यक्ष बनवाने में सफलता अर्जित की थी। इसकी चर्चा मध्यप्रदेश के कुछ नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा जिम्मेदार पदाधिकारी को कि यहां तक के उमंग सिंगार ने भी राहुल गांधी से चर्चा कर नाराजगी व्यक्त कर दी थी। इस दौरान विक्रांत भूरिया राहुल गांधी से मिलकर अपनी नियुक्ति पर धन्यवाद देकर आए परंतु उसके कुछ घंटे बाद ही अफवाह फैल गई विक्रांत भूरिया का नियुक्ति पत्र फेक न्यूज़ है सच्चाई जो भी हो परंतु यह हकीकत है कि दिग्विजय सिंह की भंवर जितेंद्र सिंह के माध्यम से मध्य प्रदेश में शह और मात की राजनीति को झटका जरूर लगा है।

गौरतलब है कि विक्रांत भूरिया की नियुक्ति पत्र के बाद से सिटी टुडे समाचार द्वारा ही दिग्विजय सिंह की कूटनीति का रहस्य पर्दाफाश किया गया था।