May 27, 2025
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आपका मन बाहर से कुछ खाने को करे, और आप बाहर जाना न चाहें तो क्या करेंगे? आप अपना मोबाइल फोन उठाएंगे और जोमैटो या स्विगी खोलकर वह डिश, जो आप खाना चाहते हैं, ऑर्डर कर देंग। इसके बाद कुछ ही मिनटों में खाना आपके सामने होगा और आप चैन से बैठकर खाएंगे आपका एक्सपीरियंस बेशक बढ़िया रहा होगा, लेकिन इस पूरे चक्र में रेस्टोरेंट को काफी कष्ट सहना पड़ता है। उन्हें सबसे बड़ा कष्ट यह होता है कि ऑर्डर के कुल अमाउंट से लगभग 55 फीसदी पैसा जोमैटो और स्विगी ले जाते हैं। 55 फीसदी काफी बड़ा हिस्सा होता है। फूड डिलीवरी एप स्विगी और जोमैटो रेस्तरां के साथ मिलकर गिरोहबाजी चला रहे हैं। यह सभी एक रणनीति के तहत ग्राहकों को खाना दोगुने भाव पर दे रहे हैं। 

रेस्टोरेंट कारोबारी मन्नू गुराया, रियाज अमलानी और जोरावर सिंह कालरा का कहना है कि उनके रेस्टोरेंट्स को मिलने वाली ऑर्डर वैल्यू का तकरीबन 55 हिस्सा जोमैटो और स्विगी जैसे एग्रीगेटर्स के खाते में चला जाता है। तीनो कारोबारियों का कहना था कि रेस्टोरेंट्स को अपना मुनाफा बचाने में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) मददगार साबित हो सकता है।

फूड डिलीवरी की इस पूरी प्रक्रिया के 2 नुकसान हैं पहला तो ये कि रेस्टोरेंट की बचत कम होती है और दूसरा ये कि ग्राहक को भी खाना महंगा मिलता है, महंगा इसलिए क्योंकि रेस्टोरेंट्स अपनी लागत और डिलीवरी पार्टनर का हिस्सा भी फूड की कीमत में जोड़ देते हैं। यही वजह है कि सरकार द्वारा समर्थित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) प्लेटफॉर्म पिछले कुछ समय से काफी चर्चा में है। भारत के टॉप रेस्टोरेंट जोमैटो और स्विगी के मुकाबले अब सरकार द्वारा समर्थित ONDC को ज्यादा महत्व दे रहे हैं।

Zerodha के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर निखिल कामत के साथ बात करते हुए दोनों ने कई अहम जानकारियां शेयर कीं इन्होंने बताया कि डिलीवरी, डिस्काउंट और डिस्कवरी (3 D) के शुल्कों को जोड़ें तो स्विगी और जोमैटो लगभग 55 फीसदी ऑर्डर वैल्यू खुद ले जाते हैं वहीं इसके उलट, ओनएनडीसी (ONDC) इतना बड़ा हिस्सा नहीं खाता है, इसलिए यही वह तरीका है जो उन्हें बचाए रख सकता है।

इसके बाद सिटी टुडे की टीम ने ग्वालियर के फ़ूड स्टॉल्स पर जाकर भी ज़मीनी हकीकत जानी तो मालूम हुया कि सिर्फ बड़े छोटे रेस्टोरेंट ही नही बल्कि सड़क किनारे लगने वाल्व फ़ूड स्टॉल्स के संचालनकर्ता भी Zomato और Swiggy जैसे एग्रीगेटरों की मोटे कमीशन तथा पेमेंट के तरीके से दुखी है।

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