ग्वालियर मुरैना लोकसभा संसदीय क्षेत्र में 7 में को मतदान होना है परंतु कांग्रेस ने काफी मशक्कत के बाद मात्र 30 दिन पूर्व अपने दोनों प्रत्याशी घोषित किया. राजनीतिक समीक्षको के मुताबिक कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के मामले में ग्वालियर चंबल संभाग में जातिगत समीकरणों की टिकटों का बंटवारा किया है. जिस प्रकार दिग्विजय सिंह गुट द्वारा ग्वालियर चंबल में अपनी रणभूमि की सफलता के लिए गुना समेत भिंड ग्वालियर मुरैना संसदीय क्षेत्र से अपने पटठे प्रत्याशियों को रणभूमि में उतरने की जो शतरंज की चाल चली थी उसमें वह केवल भिंड संसदीय क्षेत्र से अपने समर्थक फूल सिंह बरैया को ही प्रत्याशी बनाने मे सफल हो सके.
मुरैना संसदीय क्षेत्र से जिस प्रकार दिग्विजय पटवारी की जोड़ी ने जौरा के कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय को प्रत्याशी बनाए जाने के लिए मुरैना भोपाल के रास्ते दिल्ली तक अंतिम समय तक प्रयास किया तथा सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटु सिकरवार को प्रत्याशी न बनाए जाने का विरोध किया परंतु नीतू सिकरवार के पक्ष में जिस प्रकार नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मजबूती के साथ सिकरवार की पैरवी कर सफलता अर्जित की उससे दिग्विजय + पटवारी ने जहर का घूंट भले पी लिया हो परंतु उनके समर्थक हताश हो गए. इसका असर चुनावी नतीजे पर भी निश्चित होगा.
ठीक इसी प्रकार दिग्विजय पटवारी की जोड़ी ने अंतिम समय तक ग्वालियर से अपने समर्थक रामसेवक सिंह गुर्जर को प्रत्याशी बनाए जाने की लड़ाई लड़ी परंतु उसमें भी इनको सफलता न मिल सकी यहां भी उमंग सिंगार नवंबर महीने में अपनी विवादित कार्यशाली के कारण चुनाव हार चुके प्रवीण पाठक को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने से आदिवासी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को विजय मिली. प्राप्त जानकारी अनुसार इन दोनों के नाम की घोषणा के बाद समर्थक दिग्विजय सिंह समर्थक हताश होकर राजगढ़ की ओर कुच (यहां से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह की हालत पतली होने के कारण) करने का मन बनाकर भीतरघात करेंगे. प्रवीण पाठक के नाम की घोषणा के बाद ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र का पिछड़ा वर्ग मतदाता ही नहीं सामान्य मतदाता भी मोदी की इस लहर में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने मे सफल होगा. कुशवाहा ,गुर्जर तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता ही नहीं राम मंदिर धारा 370 आदि मुद्दे मोदी की इस लहर में ब्राह्मण तथा सामान्य वर्ग के मतदाताओं को भी अपने समर्थन में लाने में सफल हो चुके हैं इससे विधानसभा चुनाव हार चुके पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा भाजपा प्रत्याशी को सफलता मिलने के संकेत स्पष्ट नजर आ रहे हैं.
मुरैना संसदीय क्षेत्र से मुकाबला रोचक हो सकता है कांग्रेस ने जिस प्रकार दिग्विजय पटवारी के विरोध के बावजूद भी सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटु सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है उनका मुकाबला वैसे तो सा
जारी सूची के मुताबिक भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर थे होना तय है परंतु एक अन्य अफवाह के मुताबिक अंतिम समय में प्रत्याशी बदला जा सकता है जिसमें अधिकतर चर्चा है कि अंतिम समय में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी प्रत्याशी हो सकते हैं. बहुजन समाज पार्टी के नेता पूर्व विधायक बलबीर दंडोतिया भी अगर मुरैना लोकसभा क्षेत्र के चुनावी रण में कूद जाते हैं तो मुरैना लोकसभा क्षेत्र में मुकाबला रोचक होने के साथ ही ऊंट किस ओर करवट लेगा यह वहां की जातीय समीकरण तय करेंगे. फिलहाल नामांकन पत्र के वापसी दिनांक तक मुरैना लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कोई भी बड़ा परिवर्तन हो सकता है इसको राजनीतिक समीक्षक इनकार नहीं कर रहे.