सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में एक आदेश द्वारा वकीलों को शीर्ष अदालत के समक्ष दायर 1000 याचिकाओं के दोषों को ठीक करने का अंतिम अवसर प्रदान किया है। आदेश में कहा गया है कि 2014 से 2020 के बीच शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिकाओं के बैच को सुधार और शोधन के लिए एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड के पास वापस भेज दिया गया था, लेकिन रजिस्ट्री को अभी भी संशोधित प्रतियां नहीं मिली हैं।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एकल पीठ ने चैंबर में मामले की सुनवाई करते हुए संबंधित वकीलों को निर्देश दिया कि वे याचिकाओं में दोषों को ठीक करें और उन्हें चार सप्ताह की अवधि के भीतर फिर से दाखिल करें अन्यथा मामला खारिज हो जाएगा।
आदेश में कहा गया है, “अंतिम अवसर के रूप में, हम दोषों को ठीक करने के लिए आज से चार सप्ताह का और समय देते हैं, ऐसा नहीं करने पर मामलों को बिना किसी और संदर्भ के खारिज कर दिया जाएगा।” आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि काउंसलों को बार-बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद दोष ठीक होने के बाद याचिकाओं को रजिस्ट्री में वापस नहीं भेजा गया।
जस्टिस नरसिम्हा ने याचिकाओं के बैच से 23 याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दी। रजिस्ट्री को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि आवश्यक हो तो सत्यापन के बाद 18 मामलों को फिर से अधिसूचित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने पिछले महीने एक आदेश के जरिए 2014 से पहले के 13,147 मामलों को खत्म कर दिया था, जिसमें दोष को ठीक नहीं किया गया था।
केस : ब्रिगेडियर टीएस सत्यमूर्ति बनाम सरकार भारत एंड अन्य| ट्रांसफर केस (सिविल) डायरी नंबर 28572/2014