मिलावटी सोने के आभूषण विक्रय करने के मामले में लालाजी ज्वेलर्स के संचालक बकुल लल्ला उर्फ कार्तिक गुप्ता पर धारा 420 व 468 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हरदा द्वारा विचारण न्यायालय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हरदा को प्रदान किए। अधिवक्ता अनिल जाट ने बताया कि उनके पक्षकार प्रदीप शर्मा निवासी हरदा द्वारा 25 दिसंबर 2021 को हरदा शहर की प्रसिद्ध दुकान लालाजी ज्वेलर्स के संचालक बकुल लल्ला उर्फ कार्तिक गुप्ता से एक सोने की चैन खरीदी थी। प्रदीप शर्मा को कुछ समय बाद ही उस सोने की चैन की शुद्धता पर शक हुआ, तो प्रदीप शर्मा के द्वारा इंदौर में गोल्ड मास्टर टेस्टींग सेंटर एवं डीके गोल्ड स्कीम टेस्ट सेंटर से सोने की जांच कराई। टेस्टींग सेंटर के द्वारा अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि इस सोने की चैन में मिलावट हैं। इसके बाद प्रदीप शर्मा के द्वारा सराफा एसोसिएशन को बताई उनके द्वारा भी इसे गलत माना। इसके बाद प्रदीप शर्मा के द्वारा पुलिस में शिकायत की परंतु पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। तब प्रदीप शर्मा के द्वारा अधिवक्ता अनिल जाट के माध्यम से श्रीमान सीजीएम कोर्ट हरदा में मामला पेश किया। मामले में परिवादी के द्वारा सभी दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए खुद की तथा टेस्टीेंग सेंटर के संचालक की गवाही कराई थी। परंतु इसके बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महोदय हरदा के द्वारा 28 अपै्रल 2023 को यह मामला खारीज कर दिया। जिससे दुखी होकर प्रदीप शर्मा के द्वारा इस केस की रिविजन माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय के न्यायालय में की। आज दिनांक 20 जुलाई 23 को माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय हरदा के द्वारा विस्तृत आदेश पारित करते हुए माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी महोदय हरदा के द्वारा पारित आदेश को अपास्त करते हुए यह निर्णय दिया कि परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद में धारा 420, 468, भादंवि के तहत मामला बनने के प्रथम दृष्टया आधार प्रकट होने से परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद धारा 420, 468 भादंवि के तहत पंजीबद्ध किए जाने हेतु विद्वान विचारण न्यायालय को निर्देशित किया जाता हैं।